क्या तेलंगाना के मेगा प्रोजेक्ट्स के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र से मदद मांगी?
सारांश
Key Takeaways
- केंद्र से सहायता की आवश्यकता है।
- महत्वपूर्ण परियोजनाएं लंबित हैं।
- इलेक्ट्रिक वाहनों का विकास हो रहा है।
- राज्य की आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य है।
- जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया जा रहा है।
हैदराबाद, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य के आर्थिक विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार से महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा करने में सहयोग की मांग की है। उन्होंने मुसी रिवर रीजुवनेशन, मेट्रो रेल के विस्तार, गोदावरी जल को हैदराबाद की ओर मोड़ने की योजना और रीजनल रिंग रोड जैसे परिवर्तनकारी प्रोजेक्ट्स के लिए केंद्र से तात्कालिक मंजूरी और सहायता की अपील की।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को यहां केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आयोजित क्षेत्रीय बैठक में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने हैदराबाद को विश्वस्तरीय “मोस्ट हैपनिंग ग्लोबल सिटी” के रूप में विकसित करने के लिए राज्य सरकार की विस्तृत योजना प्रस्तुत की।
उन्होंने कहा कि कई विकास परियोजनाएं केंद्र की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं, और मेट्रो रेल फेज-2, मुसी प्रोजेक्ट, गोदावरी जल डायवर्जन स्कीम और रीजनल रिंग रोड को तुरंत स्वीकृति और सहयोग मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में राज्य की ज़ीरो-कार्बन उत्सर्जन पहल का भी उल्लेख किया, जिसमें बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना शामिल है। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष हैदराबाद की सड़कों पर 3,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है।
बैठक में फ्यूचर सिटी प्रोजेक्ट, नए शहर में वैश्विक निवेश और प्रस्तावित ड्राई पोर्ट पर भी चर्चा की गई, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेंगे।
रेवंत रेड्डी ने कहा, “हम देश के अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं। हमारी प्रतिस्पर्धा सिंगापुर, टोक्यो और न्यूयॉर्क जैसे वैश्विक शहरों से है। इसके लिए केंद्र सरकार का सहयोग अत्यंत आवश्यक है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार 9 दिसंबर को ‘तेलंगाना राइजिंग विज़न डॉक्यूमेंट 2047’ जारी करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2034 तक तेलंगाना को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि 2047 तक देश की 30 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की परिकल्पना में तेलंगाना 10 प्रतिशत योगदान देगा।