क्या तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का क्रिसमस पर बयान राजनीतिक विवाद को बढ़ावा दे रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक बयानबाजी का धार्मिक मामलों पर प्रभाव होता है।
- सामाजिक संवेदनशीलता का ध्यान रखना आवश्यक है।
- राजनीतिक लाभ के लिए धार्मिक त्योहारों का इस्तेमाल करना विवादास्पद हो सकता है।
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने राज्य में क्रिसमस समारोह को कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी के बलिदान से जोड़कर एक राजनीतिक विवाद उत्पन्न कर दिया है, जिस पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम में शनिवार को आयोजित क्रिसमस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि यदि आज तेलंगाना में लोग क्रिसमस मना रहे हैं, तो यह सोनिया गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका और बलिदान के कारण है।
उन्होंने सोनिया गांधी के जन्मदिन और राज्य के गठन के महीने दोनों का उल्लेख करते हुए कहा कि दिसंबर का महीना तेलंगाना के लिए विशेष महत्व रखता है।
भारतीय जनता पार्टी ने सीएम रेड्डी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भाजपा ने मुख्यमंत्री पर अनुचित तुलना करने और एक धार्मिक त्योहार का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने कभी भी हिंदू मान्यताओं में आस्था नहीं दिखाई है। वह अपने जन्म के धर्म, ईसाई धर्म का पालन करती हैं। कई लोगों ने बताया है कि जब वह सत्ता में थीं, तब उनके जनपथ स्थित आवास पर क्रिसमस मनाया जाता था, लेकिन दीपावली नहीं। हर किसी को अपनी-अपनी मान्यताओं का पालन करने का अधिकार है, लेकिन इस पर राज्य प्रमुख की टिप्पणी उचित नहीं है।
भाजपा नेता राज पुरोहित ने रेवंत रेड्डी के बयान को पागलपन और गैरजिम्मेदाराना बताया है। उन्होंने कहा कि क्या वे यीशु के बलिदानों की तुलना सोनिया गांधी के बलिदानों से कर रहे हैं? क्या भारत में शादी करना बलिदान है? क्या यही बलिदान है? इसे बलिदान नहीं कहा जा सकता, इसलिए मुख्यमंत्री को संयम और जिम्मेदारी से बोलना चाहिए।
भाजपा नेता विक्रम रंधावा ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी की निंदा की और उन पर राजनीतिक लाभ के लिए ईसाई धर्म का अपमान करने का आरोप लगाया।
रंधावा ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि यह निंदनीय है कि कोई राजनीति के लिए इतना नीचे गिर सकता है, यहां तक कि एक अंतरराष्ट्रीय उत्सव जैसी महत्वपूर्ण चीज का भी निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल कर सकता है। मेरा मानना है कि इसकी विश्वव्यापी निंदा होनी चाहिए। पूरे समुदाय की भावनाओं का इस्तेमाल निजी राजनीतिक लाभ के लिए करना गलत है।
इससे पहले भाजपा की तेलंगाना इकाई ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री की टिप्पणियों को चापलूसी करार दिया और क्रिसमस समारोहों को सोनिया गांधी से जोड़ने के दावे का मजाक उड़ाया।