क्या पश्चिम बंगाल में घने कोहरे के कारण सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हुई?
सारांश
Key Takeaways
- घने कोहरे के कारण सड़क पर दृश्यता कम हो जाती है।
- सड़क पर सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है।
- पुलिस ने वाहन चालकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
- दुर्घटनाएं रोकने के लिए सुरक्षा उपाय जरूरी हैं।
- स्थानीय निवासियों की जानकारी महत्वपूर्ण है।
कोलकाता, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में शनिवार को घने कोहरे के कारण एक गंभीर सड़क दुर्घटना में तीन व्यक्तियों की जान चली गई।
पुलिस के अनुसार, यह घटना राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर गरम बासती इलाके में तब हुई जब एक छोटी कार और 12 पहियों वाला ट्रॉली आमने-सामने टकरा गए। टक्कर के बाद ट्रॉली सड़क के किनारे खाई में गिर गई।
जानकारी के अनुसार, छोटी कार उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी की ओर जा रही थी, जबकि ट्रॉली विपरीत दिशा से आ रही थी। ओवरटेक करते समय कार चालक ने नियंत्रण खो दिया, जिसके कारण यह भयानक हादसा हुआ। टक्कर इतनी भयंकर थी कि कार पूरी तरह से नष्ट हो गई।
इस दुर्घटना में कार चालक मनोजीत बिस्वास की मौके पर ही मृत्यु हो गई। वह अलीपुरद्वार जिले के कुमारग्राम क्षेत्र के सांकश चाय बागान का निवासी था। अन्य दो मृतकों की पहचान सौविक बिस्वास और राजू मंडल के रूप में हुई है। सौविक, मनोजीत का चचेरा भाई था और सांकश चाय बागान में ही रहता था, जबकि राजू मंडल पेशे से कार मैकेनिक था और अलीपुरद्वार का निवासी था।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से उत्तर बंगाल में घना कोहरा छाया हुआ है, जिससे दृश्यता लगभग शून्य हो गई है। इसी कारण यह दुर्घटना घटित हुई।
पुलिस अधिकारियों ने सभी वाहन चालकों को राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य सड़कों पर विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। अधिकारियों द्वारा रात के समय यात्रा करने वाले चालकों के लिए गर्म दूध, चाय और बिस्कुट की व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है।
सिलीगुड़ी के डीसीपी (ट्रैफिक) काजी शम्सुद्दीन अहमद ने कहा, “हर वर्ष इस समय घने कोहरे के कारण दृश्यता कम हो जाती है। सभी को वाहन चलाते समय अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। आज सड़क हादसे में तीन लोगों की जान गई है। हम लोगों को सावधानी से ड्राइव करने की सलाह देते हैं।”
इसी बीच, शनिवार सुबह कोलकाता के विद्यासागर सेतु पर एक कंटेनर ट्रक डिवाइडर से टकराकर पलट गया। ट्रक की गति कम होने के कारण बड़ा हादसा टल गया, लेकिन इस घटना के चलते हावड़ा और कोलकाता को जोड़ने वाले पुल पर यातायात धीमा हो गया।