क्या विजय पर भाजपा का ‘दोहरी राजनीति’ का आरोप सही है?

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क्या विजय पर भाजपा का ‘दोहरी राजनीति’ का आरोप सही है?

सारांश

चेन्नई में भाजपा प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने अभिनेता विजय पर दोहरी राजनीति का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, विजय की आलोचनाएं केवल नाटकीय हैं, जबकि वे डीएमके के हितों को आगे बढ़ा रहे हैं। क्या यह आरोप सही है? जानें इस विवाद की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • विजय पर भाजपा का आरोप है कि वे डीएमके का अप्रत्यक्ष समर्थन कर रहे हैं।
  • प्रसाद का कहना है कि विजय की आलोचनाएं नाटकीय हैं।
  • भाजपा ने विजय की राजनीतिक गतिविधियों पर सवाल उठाए हैं।
  • 2026 के चुनावों में भाजपा को निर्णायक जीत की उम्मीद है।
  • तमिलनाडु के मतदाता अब अधिक सजग हो चुके हैं।

चेन्नई, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु भाजपा के प्रवक्ता ए.एन.एस. प्रसाद ने अभिनेता से नेता बने विजय पर “दोहरी राजनीति” करने और 2026 के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ डीएमके का अप्रत्यक्ष समर्थन करने का आरोप लगाया है। प्रसाद का कहना है कि सार्वजनिक मंचों पर डीएमके की कड़ी आलोचना करने के बावजूद, विजय वास्तव में पार्टी के हितों को आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रसाद ने यह भी बताया कि विजय की हालिया राजनीतिक गतिविधियां जनहित के बजाय, मुख्यमंत्री बनने की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से प्रेरित हैं। उनके अनुसार, सार्वजनिक रैलियों और भाषणों में डीएमके पर हमले केवल नाटकीयता हैं, जो विजय की कथित आरामदायक और अलग-थलग जीवनशैली से मेल नहीं खाते।

भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि विजय की आलोचनाओं में ठोस प्रतिबद्धता का अभाव है, और उनका उद्देश्य मतदाताओं को भ्रमित करना है, न कि सरकार की नीतियों को वास्तविक रूप से चुनौती देना। उन्होंने यह भी कहा कि विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) “पैसे की राजनीति” करती है, जिसमें अन्य दलों के नेताओं को लुभाने और वफादार कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने के प्रयास शामिल हैं।

हालिया विवादों का जिक्र करते हुए, प्रसाद ने थिरुपरनकुंड्रम मंदिर मामले पर विजय की चुप्पी पर सवाल उठाया, जहां कथित तौर पर कार्तिगई दीपम जलाने पर रोक लगाई गई थी। उन्होंने विजय पर डीएमके की “हिंदू-विरोधी” नीति की निंदा न करने का भी आरोप लगाया। प्रसाद ने डीएमके के वरिष्ठ नेताओं के पुराने बयानों का हवाला देते हुए कहा कि वे हिंदू आस्थाओं के प्रति अपमानजनक रहे हैं, लेकिन विजय ने उन्हें चुनौती नहीं दी।

प्रसाद ने डीएमके सरकार पर भूमि और खनिज संसाधनों, बाढ़ प्रबंधन और शराब बिक्री समेत विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने राज्य में नशाखोरी और अपराध बढ़ने के लिए भी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को उपलब्धियों के रूप में पेश करने की कोशिश करती है। साथ ही, उन्होंने प्रमुख शासन संबंधी मुद्दों पर विजय द्वारा ठोस आंदोलन या कड़ा रुख न अपनाने पर सवाल उठाए।

कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों जैसे हिरासत में मौतें और राजनीतिक विरोधियों पर कथित हमले का उल्लेख करते हुए, प्रसाद ने कहा कि डीएमके ने शासन करने की “नैतिक वैधता” खो दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के विकल्प के रूप में विजय के दावे को अविश्वसनीय बताया और उनकी राजनीति को “नाटकीय” करार दिया।

भाजपा-नेतृत्व वाले गठबंधन की संभावनाओं पर भरोसा जताते हुए, प्रसाद ने बिहार और केरल में हालिया चुनावी सफलताओं का हवाला दिया और दावा किया कि पार्टी 2026 में तमिलनाडु में निर्णायक जीत हासिल करेगी। उन्होंने मतदाताओं से विजय की कथित दोहरी नीति को खारिज करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व तथा राज्य के लिए कल्याणकारी योजनाओं का समर्थन करने की अपील की।

अंत में प्रसाद ने कहा कि वे विजय को एक अभिनेता के रूप में सराहते हैं, लेकिन राजनीति में उनके “अभिनय” को जनता को समझना चाहिए। उनके मुताबिक, तमिलनाडु का मतदाता अब ऐसी रणनीतियों के प्रति अधिक सजग हो चुका है।

Point of View

विजय की आलोचनाएं हैं, और दूसरी तरफ, उन्हें डीएमके का अप्रत्यक्ष समर्थन देने का आरोप। यह स्थिति बताती है कि कैसे चुनावी राजनीति में व्यक्तित्व और दल समीकरणों का महत्व बढ़ता जा रहा है।
NationPress
18/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या भाजपा का आरोप सच है?
भाजपा का आरोप है कि विजय की आलोचनाएं नाटकीय हैं और वे डीएमके के हितों को आगे बढ़ा रहे हैं। इस पर विजय की प्रतिक्रिया अभी आनी बाकी है।
विजय की राजनीति का क्या भविष्य है?
विजय की राजनीतिक गतिविधियों के बारे में अभी भी अनिश्चितता है, लेकिन उनके समर्थक उन्हें एक प्रभावशाली नेता मानते हैं।
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