क्या विजयदशमी पर हर्ष संघवी ने शस्त्र पूजा कर राज्य की शांति की प्रार्थना की?

सारांश
Key Takeaways
- विजयदशमी पर शस्त्र पूजा का आयोजन हुआ।
- राज्य की शांति और सुरक्षा के लिए प्रार्थना की गई।
- नवरात्रि का उत्सव बड़े उत्साह से मनाया गया।
- ऑपरेशन सिंदूर की सफलताएँ साझा की गईं।
- छोटे व्यापारियों को आर्थिक लाभ मिला।
सूरत, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विजयादशमी के पावन अवसर पर, गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने गुरुवार को सूरत पुलिस मुख्यालय में शस्त्र पूजा का आयोजन किया और राज्य की शांति तथा सुरक्षा के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीकात्मक उत्सव मनाते हुए, संघवी ने पुलिस अधिकारियों के साथ अनुष्ठान किया और प्रमुख त्योहारों के दौरान कानून प्रवर्तन की भूमिका पर जोर दिया।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने नवरात्रि के शांतिपूर्ण और उत्साहपूर्ण उत्सव का उल्लेख किया तथा राज्य पुलिस को उनके सराहनीय प्रयासों के लिए बधाई दी।
संघवी ने कहा कि इस बार पूरे राज्य में नवरात्रि का उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया गया, लोग सुबह से लेकर देर रात तक पंडालों में ग्रब्बा खेलते रहे। राज्य पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि उत्सव सुचारू और सुरक्षित रूप से संपन्न हो।
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलताएँ भी साझा कीं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का जश्न विशेष था, जिसमें भक्ति के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव की भावना भी स्पष्ट दिखाई दी। सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया, जिसने इस उत्सव को और भी सार्थक बना दिया।
मंत्री ने नवरात्रि के आर्थिक प्रभाव पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि लंबे उत्सव से छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को काफी लाभ हुआ।
गोधरा में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने पर टिप्पणी करते हुए संघवी ने जमीन माफिया की तुलना रावण से की और कहा कि जनता के हित में ऐसे अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मैं सभी को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। मैंने गुजरात के सभी लोगों के लिए प्रार्थना की कि उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हों। यह शस्त्र पूजा एक प्राचीन परंपरा है और इस वर्ष ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत दिखाए गए बल और अनुशासन के साथ यह और भी सार्थक प्रतीत होती है।
विजयादशमी नवरात्रि के समापन का प्रतीक है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जिसमें भगवान राम की रावण पर विजय और देवी दुर्गा की महिषासुर पर विजय का आह्वान किया जाता है। यह दिन नई शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है और सत्य, धर्म और सदाचार जैसे मूल्यों को पुष्ट करता है।