क्या हैदराबाद का अहमद रूसी सेना में जबरन भर्ती किया गया? भारतीय दूतावास का हस्तक्षेप!

सारांश
Key Takeaways
- रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की जबरन भर्ती एक गंभीर मुद्दा है।
- भारतीय दूतावास ने अहमद की सुरक्षित वापसी के लिए कदम उठाए हैं।
- सांसद ओवैसी ने इस मामले को गंभीरता से उठाया।
हैदराबाद, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के दौरान कई बार ऐसी खबरें आई हैं कि रूसी सेना में भारतीय नागरिकों को जबरन शामिल किया जा रहा है। कई भारतीय नागरिकों ने वीडियो जारी कर भारत सरकार से सहायता की मांग की है। इस बीच, मास्को में स्थित भारतीय दूतावास ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है।
भारतीय दूतावास ने पुतिन सरकार से अनुरोध किया है कि हैदराबाद के मोहम्मद अहमद को रूसी सेना से जल्द मुक्त किया जाए और उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाया जाए।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे को विदेश सचिव विक्रम मिस्री के सामने उठाया, जिसके बाद भारतीय दूतावास ने इस मामले को गंभीरता से लिया।
हैदराबाद के खैरताबाद निवासी 37 वर्षीय अहमद को एक नौकरी एजेंट द्वारा धोखा देने के बाद यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।
अहमद ने रूस से एक वीडियो संदेश जारी कर सहायता मांगी थी। इसके बाद, अहमद के परिवार ने सांसद से मदद की अपील की। अहमद की पत्नी अफशा बेगम ने बताया कि वह नौकरी के लिए रूस गए थे, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें सेना में शामिल कर लिया गया और हथियार चलाने का प्रशिक्षण देने के बाद सीमा पर भेज दिया गया।
सांसद ने विदेश सचिव से इस मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और अहमद को जल्द से जल्द वापस लाने का अनुरोध किया।
रूस में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने हैदराबाद के सांसद ओवैसी को लिखा कि दूतावास ने अहमद के बारे में रूसी अधिकारियों के साथ जानकारी साझा की है और रूसी सेना से उनकी शीघ्र रिहाई और सुरक्षित भारत वापसी की मांग की है।
मास्को में भारतीय दूतावास के काउंसलर ताडू मामू ने लिखा, "दूतावास रूसी सेना में भारतीय नागरिकों के मामलों पर प्राथमिकता के आधार पर नजर रख रहा है। दूतावास मोहम्मद अहमद के बारे में किसी भी नई जानकारी से परिवार को सूचित करता रहेगा।"