क्या इंडिया गठबंधन में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है? विपक्ष के नेता मानसिक अवसाद से ग्रस्त : दीपक उज्जवल

सारांश
Key Takeaways
- दीपक उज्जवल ने परिवारवाद पर सवाल उठाया।
- विपक्षी नेताओं की टिप्पणियाँ राजनीति के गिरते स्तर को दर्शाती हैं।
- जीएसटी सुधारों से आम आदमी को राहत मिली है।
- छत्तीसगढ़ को कोयले पर टैक्स में राहत मिलेगी।
- मध्यम वर्ग के परिवारों को आर्थिक लाभ होगा।
रायपुर, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता दीपक उज्जवल ने विपक्षी नेताओं तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर परिवारवाद की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये तीनों नेता अपने परिवारों का वर्चस्व बनाए रखने के लिए आपस में भिड़े हुए हैं।
दीपक उज्जवल ने विपक्षी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक शब्दों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि बिहार में पीएम मोदी के खिलाफ और तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अमित शाह के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की, जो राजनीति के गिरते स्तर को दर्शाता है। यह विपक्षी नेताओं, खासकर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की हताशा और मानसिक असंतुलन को दर्शाता है।
उन्होंने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि चारा घोटाले से जुड़े परिवार से आने वाले नेता को ऐसी भाषा शोभा नहीं देती है। भगवान बुद्ध की धरती बिहार में, जहां महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है, वहां प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी निंदनीय है।
दीपक उज्जवल ने केंद्र की मोदी सरकार के जीएसटी सुधारों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में किए गए सुधारों से आम आदमी की जेब पर बोझ कम पड़ेगा। पनीर से लेकर कार और स्वास्थ्य सेवाओं तक, जीएसटी में बदलावों से देश की जनता को बड़ी राहत मिली है। इनकम टैक्स में छूट और सस्ते सामानों ने नवरात्रि और दीपावली जैसे त्योहारों को और भव्य बनाने का रास्ता खोला है। अच्छे दिन के साथ सस्ते दिन भी आ गए हैं।
उन्होंने कहा कि कोयले पर लगने वाला 400 रुपए प्रति टन का टैक्स अक्टूबर में समाप्त होने वाला है, जिसका 50 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ को मिलेगा। इससे राज्य को आर्थिक लाभ होगा और डबल इंजन की सरकार के तहत छत्तीसगढ़ प्रगति की राह पर आगे बढ़ेगा।
उन्होंने आगे कहा कि जीएसटी सुधारों से मध्यम वर्ग के परिवारों को सालाना 3-4 लाख रुपये के खर्च में 10 प्रतिशत की बचत होगी, जिससे सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा। जीएसटी के दो स्लैब होने से मध्यम और निम्न वर्ग को राहत मिला है। छोटे व्यापारियों और एमएसएमई सेक्टर को भी इससे लाभ होगा। यह देश के अर्थतंत्र के लिए शुभ संकेत हैं। अब मध्यम वर्ग के पास अधिक पैसा बचेगा और उच्च आय वर्ग अधिक टैक्स देगा।