क्या भारतीय रेलवे 6,115 रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सेवा दे रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय रेलवे ने 6,115 स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सेवा शुरू की है।
- इससे यात्री एचडी वीडियो और मनोरंजन सामग्री देख सकते हैं।
- वाई-फाई का उपयोग करने के लिए केवल स्मार्टफोन की आवश्यकता है।
- यह सेवा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का हिस्सा है।
- रेलटेल द्वारा 'रेलवायर' ब्रांड के तहत प्रदान की जा रही है।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रेलवे देश के 6,115 रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है। यह जानकारी सरकार ने मंगलवार को संसद में साझा की।
रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सेवा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका लक्ष्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच डिजिटल खाई को समाप्त करना है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, "भारतीय रेलवे के लगभग सभी स्टेशनों पर दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा 4जी/5जी कवरेज उपलब्ध है। इन नेटवर्क का उपयोग यात्री डेटा कनेक्टिविटी के लिए भी किया जा रहा है, जिससे यात्रा का अनुभव बेहतर हो रहा है। इसके साथ ही, रेलवे द्वारा 6,115 स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सेवाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं।"
इन स्टेशनों पर यात्री मुफ्त वाई-फाई के माध्यम से एचडी वीडियो देख सकते हैं, मनोरंजन सामग्री डाउनलोड कर सकते हैं और ऑफिस का कार्य कर सकते हैं। वाई-फाई सेवा का लाभ उठाने के लिए, यात्रियों को अपने स्मार्टफोन पर वाई-फाई मोड चालू करना होगा और 'रेलवायर' वाई-फाई से कनेक्ट करना होगा। इसके बाद, उन्हें एसएमएस ओटीपी के लिए अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा, जिससे उनकी डिवाइस में वाई-फाई कनेक्टिविटी प्राप्त हो जाएगी।
यह सुविधा नई दिल्ली, मुंबई सेंट्रल, चेन्नई सेंट्रल, पुणे, कोलकाता, अहमदाबाद, हैदराबाद जैसे प्रमुख स्टेशनों के साथ-साथ कई टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी उपलब्ध है।
इनमें सूरत, वडोदरा, राजकोट, मेरठ, भोपाल जैसे टियर 2 शहरों के साथ-साथ रोहतक और कटक जैसे टियर 3 शहर भी शामिल हैं।
भारतीय रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सेवा रेल मंत्रालय के अधीन एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) रेलटेल द्वारा अपने 'रेलवायर' ब्रांड के माध्यम से प्रदान की जाती है। रेलटेल ने पहले इस परियोजना के विस्तार के लिए गूगल और टाटा ट्रस्ट्स जैसे संगठनों के साथ सहयोग किया था, लेकिन अब यह कार्य सरकारी कंपनी द्वारा स्वयं किया जा रहा है।
-राष्ट्र प्रेस
एबीएस/