क्या मनीष तिवारी ने इंडिगो उड़ान संकट और एयर इंडिया हादसे पर सरकार को घेरा?
सारांश
Key Takeaways
- इंडिगो एयरलाइंस ने बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द की हैं।
- यात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
- मनीष तिवारी ने सरकार से जवाब तलब किया है।
- एयर इंडिया हादसे की जांच एएआईबी द्वारा की जा रही है।
- सरकार को अधिक पारदर्शिता दिखाने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने एक ओर इंडिगो एयरलाइंस द्वारा व्यापक स्तर पर उड़ानें रद्द करने और देरी के कारण उत्पन्न अराजकता पर संसद में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया, वहीं दूसरी ओर एयर इंडिया के अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में सरकार के जवाब पर भी सवाल उठाए।
लोकसभा सचिवालय को भेजे गए स्थगन प्रस्ताव में मनीष तिवारी ने मांग की है कि प्रश्नकाल, शून्यकाल और दिन के सभी सूचीबद्ध कार्य स्थगित कर इंडिगो एयरलाइंस के कारण देशभर में उत्पन्न गंभीर स्थिति पर तुरंत चर्चा की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिगो द्वारा उड़ानें रद्द करने और देरी के कारण हजारों यात्री देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं।
उन्होंने नोटिस में बताया कि जनवरी 2024 में सरकार ने डीजीसीए के फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के तहत पायलटों के ड्यूटी और विश्राम से जुड़े नए नियमों को अधिसूचित किया था। ये नियम काफी पहले जारी किए गए थे ताकि सभी एयरलाइंस को अपने रोस्टर को समायोजित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। फिर भी, इंडिगो ने इन नियमों का पालन नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप कुछ ही दिनों में एक हजार से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और पूरे देश में भारी अव्यवस्था फैल गई।
मनीष तिवारी ने कहा कि यह केवल कुप्रबंधन नहीं है, बल्कि जानबूझकर नियमों की अनदेखी जैसा प्रतीत होता है। उन्होंने सरकार से तत्काल जांच के आदेश देने, एयरलाइन को जिम्मेदार ठहराने, प्रभावित यात्रियों को पूरी राशि लौटाने और मुआवजा देने की मांग की।
मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भी एयर इंडिया विमान हादसे की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट हादसे को छह महीने से अधिक समय बीत चुका है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दुर्घटना का असली कारण क्या था। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार इस मुद्दे पर अस्पष्ट जवाब दे रही है।
मनीष तिवारी द्वारा पूछे गए लोकसभा के एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि इस हादसे की जांच अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के मानकों के अनुसार एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है। इस जांच में विमान निर्माता देश, डिजाइन देश, पंजीकरण देश और ऑपरेटर देश सहित अन्य देशों की भागीदारी भी हो सकती है।
सरकार ने यह भी बताया कि विमान के फ्रंट और रियर दोनों एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर (ईएएफआर), जिनमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर शामिल हैं, 13 और 16 जून 2025 को बरामद किए गए थे। इन्हें 24 जून 2025 को सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत दिल्ली स्थित एएआईबी को सौंपा गया।
स्वतंत्र जांच की मांग पर सरकार ने कहा कि एएआईबी वर्ष 2012 में एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित किया गया था और यह 2025 के विमान दुर्घटना जांच नियमों के तहत पूरी स्वायत्तता के साथ काम करता है।
हालांकि, मनीष तिवारी का कहना है कि इतने बड़े हादसे और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े मामलों में सरकार को अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही दिखानी चाहिए ताकि जनता का भरोसा बहाल हो सके।