क्या इंदौर एमवाय अस्पताल में बच्चों की मौत पर कांग्रेस का हमला उचित है?

सारांश
Key Takeaways
- इंदौर एमवाय अस्पताल में चूहों द्वारा नवजात बच्चों को काटने की घटना।
- कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की।
- सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठते हैं।
- जनता की एकजुटता की आवश्यकता है।
इंदौर, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों द्वारा नवजात बच्चों को कुतरने की एक भयानक घटना ने मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अस्पताल का दौरा किया और राज्य सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से तत्काल इस्तीफे की मांग की और इस घटना को सरकार की संवेदनहीनता और भ्रष्टाचार का प्रतीक बताया।
पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार चूहों को खत्म करने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन अस्पतालों में नवजात बच्चे चूहों का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने तंज करते हुए कहा, "तीस साल पहले चूहे शव खाते थे, आज नवजात बच्चों को कुतर रहे हैं। यह सरकार और स्वास्थ्य मंत्री की क्रूरता को दर्शाता है।" उन्होंने एमवाय अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि कफन चोरी जैसी घटनाओं के बाद अब बच्चों की मौत ने व्यवस्था की पोल खोल दी है।
पटवारी ने आरोप लगाया कि एक चूहा पकड़ने के लिए हजारों रुपए खर्च करने का दावा किया जाता है, लेकिन फिर भी नवजात असुरक्षित हैं। उन्होंने मृत आदिवासी बच्चे का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना शासन की लापरवाही को उजागर करती है और इसके लिए गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि इंदौर से तीन मंत्री होने के बावजूद कोई संवेदना नहीं दिखाई गई। मुख्यमंत्री भी शहर में रहकर चुप्पी साधे रहे।
पटवारी ने बताया कि राहुल गांधी ने इस घटना पर चिंता जताई है, जबकि सरकार 'मोटी चमड़ी' वाली हो गई है। उन्होंने निजी मेडिकल कॉलेजों में भी अनियमितताओं का आरोप लगाया, लेकिन वहां की घटनाएं दबा दी जाती हैं। पटवारी ने मांग की कि केवल कुछ अधिकारियों का निलंबन काफी नहीं है, बल्कि अधीक्षक से लेकर शीर्ष जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने जनता से इस मुद्दे पर एकजुट होने और सरकार को जवाबदेह बनाने की अपील की।