क्या जगन्नाथ पुरी मंदिर के चार द्वार मोक्ष, विजय, समृद्धि और धर्म का रहस्य छुपाते हैं?

Click to start listening
क्या जगन्नाथ पुरी मंदिर के चार द्वार मोक्ष, विजय, समृद्धि और धर्म का रहस्य छुपाते हैं?

सारांश

जगन्नाथ पुरी मंदिर के चार द्वारों के पीछे छिपा है मोक्ष, विजय, समृद्धि और धर्म का गहरा रहस्य। जानें, कैसे ये द्वार जीवन के चार सिद्धांतों का प्रतीक हैं और भक्तों के लिए क्या महत्व रखते हैं।

Key Takeaways

  • सिंह द्वार: मोक्ष का प्रतीक
  • अश्व द्वार: विजय का प्रतीक
  • हस्ती द्वार: समृद्धि का प्रतीक
  • व्याघ्र द्वार: धर्म और संरक्षण का प्रतीक
  • जगन्नाथ मंदिर: जीवन के चार सिद्धांतों का संदेश

पुरी, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा का जगन्नाथ पुरी मंदिर भक्ति और वैभव का अद्भुत उदाहरण है। जगन्नाथ जी को कलियुग का देवता माना जाता है और इस मंदिर से जुड़ी अनेक रहस्यमयी बातें हैं जो लोगों को आश्चर्यचकित कर देती हैं। मंदिर के चार द्वारों से जुड़ी मान्यताएँ भी खास हैं। कहा जाता है कि ये द्वार सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलियुग को दर्शाते हैं।

पहले हम पूर्व दिशा के द्वार, जिसे सिंह द्वार कहा जाता है, की चर्चा करते हैं। यह मंदिर का मुख्य द्वार है और इसे मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। जब भक्त इस द्वार से अंदर जाते हैं, तो उनकी आत्मा शुद्ध होती है। इसी द्वार के सामने प्रसिद्ध अरुण स्तंभ है, जिस पर भगवान सूर्य के सारथी अरुण देव की मूर्ति है। मान्यता है कि इस स्तंभ को देखने से शुभ फल मिलते हैं।

अब बात करते हैं दक्षिण दिशा के द्वार की, जिसे अश्व द्वार या विजय द्वार कहा जाता है। प्राचीन काल में जब राजा या योद्धा युद्ध के लिए जाते थे, तो वे इसी द्वार से मंदिर में प्रवेश करते थे और भगवान जगन्नाथ से विजय की प्रार्थना करते थे। इसलिए इसे विजय का प्रतीक माना जाता है। यह द्वार शक्ति, साहस और सफलता का प्रतीक है।

तीसरा द्वार है पश्चिम दिशा में, जिसे हस्ती द्वार या हाथी द्वार कहा जाता है। यह द्वार समृद्धि और खुशी का प्रतीक है। यहां भगवान गणेश की मूर्ति है, जो विघ्नहर्ता और समृद्धि के देवता माने जाते हैं। भक्तों का मानना है कि इस द्वार से प्रवेश करने पर धन, ज्ञान और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

अंत में उत्तर दिशा का व्याघ्र द्वार, जिसे बाघ द्वार भी कहा जाता है। यह धर्म और संरक्षण का प्रतीक है। इसे भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार को समर्पित माना जाता है, जो अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक हैं। यह द्वार हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा करना ही सच्चे जीवन का उद्देश्य है।

इन चारों द्वारों के माध्यम से जगन्नाथ मंदिर चार जीवन सिद्धांतों मोक्ष, विजय, समृद्धि और धर्म का संदेश देता है। इसलिए यह मंदिर केवल एक तीर्थ स्थल नहीं, बल्कि जीवन के दर्शन का प्रतीक है।

Point of View

बल्कि ये जीवन के चार मूल्यों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। यह मंदिर न केवल ओडिशा, बल्कि पूरे देश के लिए धार्मिक एवं सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

जगन्नाथ पुरी मंदिर के चार द्वारों का क्या महत्व है?
जगन्नाथ पुरी मंदिर के चार द्वार मोक्ष, विजय, समृद्धि और धर्म का प्रतीक हैं। ये द्वार जीवन के चार सिद्धांतों को दर्शाते हैं।
कौन सा द्वार मोक्ष का प्रतीक है?
पूर्व दिशा का द्वार, जिसे सिंह द्वार कहा जाता है, मोक्ष का प्रतीक है।
अश्व द्वार का क्या महत्व है?
दक्षिण दिशा का अश्व द्वार विजय का प्रतीक है और प्राचीन काल में योद्धा युद्ध के लिए इसी द्वार से प्रवेश करते थे।
हस्ती द्वार से क्या प्राप्त होता है?
पश्चिम दिशा का हस्ती द्वार समृद्धि और सुख का प्रतीक है, जहां भगवान गणेश की मूर्ति विराजमान है।
व्याघ्र द्वार का क्या अर्थ है?
उत्तर दिशा का व्याघ्र द्वार धर्म और संरक्षण का प्रतीक है, जो अधर्म पर धर्म की विजय को दर्शाता है।