क्या जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है?
सारांश
Key Takeaways
- अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई आवश्यक है।
- 2017 में इस संबंध में बिल पेश किया गया था।
- जम्मू-कश्मीर सरकार को सुरक्षा के लिए गंभीरता से काम करना चाहिए।
- राजनीतिक लाभ के लिए बांग्लादेशी नागरिकों का बसना गलत है।
- समाज में चुनौतियों का सामना करने के लिए कार्रवाई आवश्यक है।
श्रीनगर, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा विधायक विक्रम रंधावा ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई को आवश्यक बताया।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि यदि हम घाटी में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगे, उन्हें पहचान नहीं करेंगे, और यह नहीं जानेंगे कि वे आज हमारे बीच कितनी बड़ी संख्या में हैं, तो निश्चित रूप से हमारे लिए चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में इन लोगों को पहचान कर तुरंत उनके खिलाफ सख्त कदम उठाना आवश्यक हो जाता है।
भाजपा विधायक विक्रम रंधावा ने कहा कि 2017 में मैं इस संबंध में एक बिल भी लेकर आया था, जिसमें मैंने ऐसे अवैध नागरिकों को पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। मैंने कहा था कि हमारे बीच अवैध नागरिकों का रहना गलत है। हम ऐसी स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते, लेकिन उस समय इन लोगों ने इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन डालने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर सरकार को बांग्लादेशी नागरिकों को पहचानने की दिशा में गंभीरता से काम करना चाहिए। ऐसे लोगों की पहचान बहुत जरूरी है, क्योंकि ये हमारी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। मैंने इस मुद्दे पर जम्मू-कश्मीर सरकार से अपील की है कि वह अवैध नागरिकों की पहचान के लिए जल्द से जल्द कदम उठाए।
साथ ही, उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के बाद हमें ऐसे राजनेता मिले, जिन्होंने बांग्लादेशी नागरिकों को अपने राज्य में केवल राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए बसाया। कई लोगों ने पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी नागरिकों को बसाकर उन्हें बंगाली बनाने का प्रयास किया, ताकि उससे राजनीतिक लाभ मिल सके। लेकिन अब ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा चुकी है।