क्या जम्मू-कश्मीर के हजरतबल की घटना शर्मनाक है? - गुरु प्रकाश

सारांश
Key Takeaways
- घटना ने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक तनाव बढ़ाया।
- भाजपा ने इसे संविधान का अपमान बताया।
- विपक्षी दलों की चुप्पी पर सवाल उठाए गए।
- हिंदू संघर्ष समिति ने कार्रवाई की मांग की।
- मोदी सरकार की स्थिति पर चर्चा।
नई दिल्ली, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हजरतबल दरगाह में घटित घटना ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक माहौल में हलचल पैदा कर दी है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने इसे शर्मनाक करार दिया।
हजरतबल दरगाह में शुक्रवार को मार्बल प्लेट पर अशोक चिह्न की प्रतिकृति को लेकर कुछ व्यक्तियों ने विरोध जताया और इसे इस्लाम के खिलाफ बताया। इस विवाद ने वहाँ तनाव उत्पन्न कर दिया।
भाजपा प्रवक्ता गुरु प्रकाश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हजरतबल में हमारे राष्ट्रीय प्रतीक पर जो हमला हुआ है, वह संविधान के आदर्शों का अपमान है। इस घटना से पूरा देश आहत है और तुष्टिकरण करने वालों का मुँह बंद हो गया है।
उन्होंने विपक्षी दलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव चुप क्यों हैं? आज सभी मर्यादाओं का उल्लंघन किया गया है और विपक्ष मौन है। आपको यह तय करना होगा कि आप राष्ट्र के साथ हैं, या तुष्टिकरण करने वालों के साथ।
वहीं, जम्मू में हिंदू संघर्ष समिति के राष्ट्रीय महासचिव अनूप पांडे ने कहा कि जो लोग संविधान और लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते, वे राष्ट्रद्रोही हैं। सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेगी। यह मोदी सरकार है, जो पहले की सरकारों की तरह आतंकवादियों के सामने झुकती नहीं है।
अनूप पांडे ने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर में शांति का माहौल बना था, लेकिन नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस इसे बनाए नहीं रखना चाहते। ये दल आतंकवादियों के साथ हैं और राष्ट्र के खिलाफ साजिश करने वाले हैं।
उन्होंने कांग्रेस के बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं के समर्थन की भी आलोचना की, इसे वोट जिहाद करार दिया। विपक्षी दलों की योजनाएं कभी सफल नहीं होंगी क्योंकि देश में एक मजबूत और स्थिर सरकार है।