क्या जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने वाला एक्शन हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षाबलों ने सोपोर और कुलगाम में बड़े पैमाने पर छापे मारे।
- जमात-ए-इस्लामी से जुड़े व्यक्तियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
- आतंकवाद के खिलाफ 'जीरो टॉलरेंस' नीति अपनाई जा रही है।
- छापेमारी के दौरान कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया।
- सुरक्षाबलों ने महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए।
श्रीनगर, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के सोपोर में बुधवार को कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया गया। सोपोर पुलिस और सुरक्षाबलों ने मिलकर इस अभियान के तहत गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से जुड़े व्यक्तियों और स्थानों पर छापे मारे।
जिले भर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों के खिलाफ सोपोर, जैंगीर और रफियाबाद क्षेत्रों में २५ से ज्यादा स्थानों पर एक साथ छापे किए गए। ये छापे विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं पर आधारित थे, जिनसे पता चला था कि जेईआई से जुड़े संदिग्ध लोग विभिन्न मोर्चों पर अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं।
छापेमारी के दौरान सुरक्षाबलों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और अन्य सामग्री बरामद की हैं। कुछ व्यक्तियों से गैरकानूनी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता के बारे में पूछताछ की जा रही है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ये तलाशी अभियान सोपोर पुलिस की आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने की चल रही निवारक रणनीति का हिस्सा हैं।
इसके अतिरिक्त, बुधवार को कुलगाम में भी प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की गई। सुरक्षाबलों ने एक साथ 200 से ज्यादा स्थानों पर छापे मारे।
जमीनी स्तर पर आतंकवादी तंत्र और उसके समर्थन ढांचे को ध्वस्त करने के स्थायी प्रयासों के तहत, जेईआई के सदस्यों और उनके सहयोगियों के घरों और परिसरों पर छापेमारी की गई।
जानकारी के अनुसार, पिछले चार दिनों में जिले के विभिन्न इलाकों में 400 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। इस दौरान अन्य प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े लगभग 500 व्यक्तियों से पूछताछ की गई है, जिनमें से कुछ को हिरासत में लिया गया है।
छापेमारी के दौरान, आपत्तिजनक सामग्री और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। इसके अलावा, कई जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों से पूछताछ की गई। कुलगाम पुलिस ने कहा कि वह आतंकवाद और इसके प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है और यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी तत्व को जिले में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने की अनुमति न दी जाए।