क्या जम्मू-कश्मीर में सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा है? तापमान माइनस 3.9 डिग्री पर पहुंचा

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क्या जम्मू-कश्मीर में सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा है? तापमान माइनस 3.9 डिग्री पर पहुंचा

सारांश

क्या जम्मू-कश्मीर में सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा है? श्रीनगर में तापमान माइनस 3.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे ठंड का सितम बढ़ गया है। जानिए इस स्थिति के पीछे के कारण और प्रशासन की तैयारी।

Key Takeaways

  • जम्मू-कश्मीर में तापमान माइनस 3.9 डिग्री सेल्सियस तक गिरा है।
  • शीतकालीन अवकाश 1 दिसंबर से शुरू होगा।
  • ठंड के कारण पानी पाइप में जम जाता है।
  • चिल्लई कलां की अवधि 21 दिसंबर से 31 जनवरी तक है।
  • लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं।

श्रीनगर, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बढ़ती सर्दी के साथ पहाड़ी क्षेत्रों का मौसम अत्यधिक ठंडा हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर में बुधवार को इस मौसम की सबसे ठंडी रात का अनुभव किया गया, जहां तापमान माइनस 3.9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है।

मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान और गिरावट की संभावना है। 10 दिसंबर तक ठंडी हवाओं का प्रकोप जारी रहेगा, हालांकि मौसम शुष्क भी रहेगा। न्यूनतम तापमान माइनस 3.9 डिग्री से भी नीचे जा सकता है। बुधवार को शून्य से 3.9 डिग्री सेल्सियस का तापमान दर्ज किया गया, जो इस सीजन की सबसे ठंडी रात रही है।

गुलमर्ग और पहलगाम में तापमान शून्य से 4.6 डिग्री नीचे पहुंच गया है। जम्मू-कश्मीर के अन्य शहरों के तापमान की बात करें तो जम्मू का तापमान 8.8 डिग्री सेल्सियस, बनिहाल में 0.7 डिग्री सेल्सियस, कटरा में 8.5 डिग्री सेल्सियस, बटोत में 4.6 डिग्री सेल्सियस और भद्रवाह में 0.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। पर्यटकों के लिए प्रशासन ने कई स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की है। धुंध के कारण कई क्षेत्रों में विजिबिलिटी कम हो गई है, और कई जगह सूरज की रोशनी नहीं दिख रही है। बढ़ती ठंड और बर्फबारी के कारण बच्चों का स्कूल जाना भी मुश्किल हो गया है। अधिकारियों ने निर्णय लिया है कि आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए शीतकालीन अवकाश 1 दिसंबर से शुरू होगा, जबकि कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों के लिए यह 11 दिसंबर से लागू होगा।

हर साल दिसंबर और जनवरी में 40 दिन स्थानीय लोगों के लिए बहुत कठिनाई का समय होता है, क्योंकि ठंड के कारण पानी पाइप में जम जाता है। इन समस्याओं से बचने के लिए लोगों को पहले से ही खाने-पीने, दवा, अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुओं का भंडारण करना पड़ता है। इन 40 दिनों को 'चिल्लई कलां' कहा जाता है। इस दौरान तापमान माइनस में गिर जाता है। ये दिन 21 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक रहेंगे।

Point of View

जो स्थानीय निवासियों और पर्यटकों दोनों के लिए चुनौतियाँ पैदा कर रहा है। प्रशासन को आवश्यक उपायों की योजना बनानी चाहिए ताकि लोग इस ठंड से सुरक्षित रह सकें।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

जम्मू-कश्मीर में तापमान कितना गिरा?
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में तापमान माइनस 3.9 डिग्री सेल्सियस तक गिरा है।
बच्चों के लिए शीतकालीन अवकाश कब शुरू होगा?
आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए शीतकालीन अवकाश 1 दिसंबर से और कक्षा 9 से 12 के लिए 11 दिसंबर से शुरू होगा।
क्या ठंड से पानी पाइप में जम जाता है?
हाँ, ठंड के कारण पानी पाइप में जम जाता है, जिससे स्थानीय लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
चिल्लई कलां क्या है?
चिल्लई कलां एक अवधि है जिसमें जम्मू-कश्मीर में ठंड काफी बढ़ जाती है और यह 21 दिसंबर से 31 जनवरी तक रहती है।
जम्मू-कश्मीर में ठंड से बचने के लिए लोग क्या कर रहे हैं?
लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं और प्रशासन ने पर्यटकों के लिए भी अलाव की व्यवस्था की है।
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