क्या जावेद अख्तर को सियासत में हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं? - राजीव रंजन
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी आई है।
- राजीव रंजन ने जावेद अख्तर के बयानों पर प्रतिक्रिया दी है।
- महिलाओं के उत्थान के लिए नीतीश कुमार के प्रयास सराहनीय हैं।
- भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है।
- राजनीतिक हस्तक्षेप से बचना चाहिए।
पटना, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में अपने विदेशी दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत लगातार दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने इसे पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व का परिणाम करार दिया। साथ ही, उन्होंने बुर्का विवाद मामले में बिहार के मुख्यमंत्री का समर्थन किया।
राजीव रंजन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "जो चुनौतियां थीं, जिस प्रकार टैरिफ विवाद उभरा, और दुनिया में कई बदलाव आए, उनके कारण औद्योगिक क्षेत्र में अनेक आशंकाएं थीं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। नीतिगत बदलाव, ढांचागत सुधार और कई प्रकार की रियायतों के चलते आज तस्वीर बदल चुकी है। कल ओमान के साथ हमारा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हुआ और यह प्रक्रिया जारी है।"
जदयू प्रवक्ता ने आगे कहा, "अन्य देशों में भी अमेरिकी टैरिफ के कारण उत्पन्न हालातों को भारत ने अवसर में बदलने की दिशा में तेज़ी से प्रगति की है। यही कारण है कि हम आज चौथी अर्थव्यवस्था हैं और तेजी से तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहे हैं। यह उपलब्धि हम जल्द ही हासिल करेंगे।"
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिला का हिजाब खींचने के विवाद पर, गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने नीतीश कुमार से माफी की मांग की है। राजीव रंजन ने कहा, "जावेद अख्तर देश के प्रमुख गीतकार हैं, लेकिन उन्हें सियासत में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। नीतीश कुमार ने अपने 20 वर्षों के कार्यकाल में महिलाओं के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जो प्रशंसा के योग्य हैं।"
उन्होंने कहा, "इसी कारण से चुनावों में महिलाओं का एकतरफा आशीर्वाद मिलता रहा है। इस बार भी देखा गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं एकत्र होकर एनडीए सरकार बनाने के लिए मतदान कर रही थीं। ऐसे में जावेद अख्तर के बयान का कोई औचित्य नहीं है। उन्हें ऐसे बयानों से परहेज करना चाहिए।"