क्या जीतन राम मांझी ने विपक्ष की तुष्टिकरण राजनीति पर सवाल उठाया?

Click to start listening
क्या जीतन राम मांझी ने विपक्ष की तुष्टिकरण राजनीति पर सवाल उठाया?

सारांश

बिहार में 'मतदाता सूची' के विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति अब नहीं चलेगी। जानिए क्या है इस विवाद का असली मर्म और क्या कह रहे हैं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी।

Key Takeaways

  • मतदाता सूची का पुनरीक्षण आवश्यक है।
  • तुष्टिकरण की राजनीति अब नहीं चलेगी।
  • प्रधानमंत्री का बयान महत्वपूर्ण है।
  • हर भारतीय को सोचना चाहिए।
  • राजनीतिक स्थिरता जरूरी है।

पटना, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान विवादों में है। इस संदर्भ में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा 'वोटर अधिकार यात्रा' की घोषणा की गई है। इस यात्रा के बारे में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार किया।

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पत्थर पर सिर मारने से क्या हासिल होगा? सिर फट जाएगा, यही विपक्ष कर रहा है। यदि तालाब में पानी अधिक दिनों तक एकत्रित हो जाए तो वह गंदा हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति मर गया या प्रदेश छोड़ दिया है, तो नई सूची बनाना अनिवार्य है। यह सभी के हित में है। गलत नामों का फायदा लेने वाले ही चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ हैं। पीएम मोदी ने लाल किले से कहा था कि देश की सीमाओं पर बाहरी लोग आकर हमारी बेटियों और बहुओं का हक मार रहे हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। इसलिए, एसआईआर बहुत आवश्यक है। इस मामले में विपक्ष तुष्टिकरण की राजनीति कर रहा है, जो भारत में स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने लोजपा (रामविलास) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बारे में कहा कि वह एक बड़े नेता हैं। मैं उन्हें सलाह देना चाहता हूं कि वे एनडीए में रहकर अपने भविष्य पर ध्यान दें, अन्यथा वे कठिनाइयों में पड़ जाएंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'खून और पानी साथ नहीं बहेगा' वाले बयान पर जीतन राम मांझी ने कहा कि यह एकदम सही है। जब हमारी दोस्ती थी, तब हमने उन्हें पानी दिया, लेकिन अब जब वे इसे अलग नजरिए से देखते हैं, तो हम उन्हें पानी क्यों दें? यह हर भारतीय को सोचना चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण और इसके विरोध में हो रही गतिविधियाँ एक गंभीर राजनीतिक परिदृश्य को दर्शाती हैं। सभी दलों को इस प्रक्रिया को सच्चे अर्थों में स्वीकार करना चाहिए ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। देश की एकता और अखंडता के लिए यह आवश्यक है कि सभी दल इस मुद्दे को गंभीरता से लें।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

मतदाता सूची का पुनरीक्षण क्या होता है?
मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक प्रक्रिया है जिसमें मतदाता सूची को अद्यतन और सुधारित किया जाता है ताकि सही और वर्तमान जानकारी सुनिश्चित की जा सके।
जीतन राम मांझी ने विपक्ष पर क्या आरोप लगाए?
जीतन राम मांझी ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं और चुनाव आयोग की प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं।