क्या झारखंड में एस्कॉर्ट के नाम पर साइबर ठगी करने वाला गिरोह पकड़ में आया?
सारांश
Key Takeaways
- साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं।
- झारखंड पुलिस की सख्त कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है।
- साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूकता जरूरी है।
हजारीबाग, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के हजारीबाग पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई जारी रखी है। इसी संदर्भ में, हजारीबाग पुलिस अधीक्षक ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नूतन नगर के पास एस्कॉर्ट सर्विस के नाम पर देश भर में ऑनलाइन ठगी और ब्लैकमेलिंग करने वाले एक गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया।
जानकारी के अनुसार, हजारीबाग पुलिस अधीक्षक को सूचना मिली थी कि एक गिरोह कुछ मोबाइल नंबरों के माध्यम से फर्जी वेबसाइटों पर विज्ञापन डालकर आम जनता को एस्कॉर्ट सर्विस का झांसा देकर यूपीआई और डिजिटल तरीकों से पैसे की ठगी कर रहा है।
सूचना के आधार पर, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अमित आनंद के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नूतन नगर में छापेमारी की। इस दौरान चार लोगों को कुछ संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाया गया। पुलिस को देखकर चारों भागने लगे, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान विवेक कुमार, बादल मंडल, दीपक मंडल और शेखर कुमार के रूप में हुई है। उनके पास से कई मोबाइल फोन, विभिन्न सिम कार्ड, कई बैंकों के डेबिट कार्ड, पैन कार्ड तथा साइबर ठगी में उपयोग किए गए डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में मुफस्सिल थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। वर्तमान में, पुलिस मामले की जांच कर रही है। गिरफ्तार सभी अपराधी हजारीबाग जिले के निवासी हैं और उनकी उम्र 21 से 25 वर्ष के बीच है।
इसके अलावा, पुलिस ने खाड़ी देशों में बैठकर झारखंड में खौफ और अपराध का नेटवर्क चलाने वाले कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस खान के नाम पर रंगदारी मांगने वाले मेदिनीनगर (पलामू) जिले के दो गुर्गों को भी गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों ने प्रिंस खान के नाम से व्हाट्सएप वॉयस मैसेज भेजकर शहर के ज्वेलरी प्रतिष्ठान गोल्ड हाउस के मालिक रंजीत सोनी से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। रंगदारी न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई थी।