क्या झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने दिया इस्तीफा?
सारांश
Key Takeaways
- अनुराग गुप्ता ने झारखंड के डीजीपी के पद से इस्तीफा दिया।
- इस्तीफे के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हैं।
- नए डीजीपी की नियुक्ति की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
- गृह मंत्रालय ने उनकी नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी।
- अनुराग गुप्ता का कार्यकाल फरवरी 2027 तक था।
रांची, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफात्यागपत्र सौंपा। इस्तीफे के कारणों का अब तक खुलासा नहीं हुआ है।
सूत्रों की जानकारी के अनुसार, गुप्ता ने मंगलवार की देर रात अपना त्यागपत्र दिया। हालांकि, सरकार की ओर से इस विषय में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि सरकार ने बुधवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और नई नियुक्ति तक उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा गया है।
राज्य में नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर उच्चस्तरीय चर्चा शुरू हो गई है। संभावित नामों में सीनियर आईपीएस प्रशांत सिंह और एमएस भाटिया शामिल हैं। अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें 2022 में पुलिस महानिदेशक (डीजी) के पद पर प्रमोशन मिला था। इसके बाद से वह डीजी ट्रेनिंग रहे हैं।
झारखंड सरकार ने 26 जुलाई 2024 को उन्हें प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया था, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने उन्हें उनके पद से हटा दिया था। चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने पर, 28 नवंबर 2024 को हेमंत सोरेन सरकार ने उन्हें पुनः प्रभारी डीजीपी के रूप में तैनात किया।
अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल, 2025 को 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन राज्य सरकार ने डीजीपी नियुक्ति के लिए नई नियमावली लागू की। नई नियमावली के अनुसार, उन्हें 2 फरवरी 2025 को नियमित डीजीपी के पद पर नियुक्त किया गया।
इस नियमावली के अनुसार, उनका कार्यकाल फरवरी 2027 तक था। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताई थी और राज्य सरकार को दो बार पत्र लिखकर अनुराग गुप्ता को पद से हटाने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए अपनी नियमावली का हवाला देकर उन्हें पद पर बनाए रखा।
यूपीएससी ने भी उनकी डीजीपी के रूप में नियुक्ति को उचित नहीं माना था। अनुराग गुप्ता के पास पहले एसीबी और सीआईडी के डीजी का भी प्रभार था। सितंबर में सरकार ने उनसे एसीबी का प्रभार वापस ले लिया, जिसके बाद से उन्हें हटाए जाने की चर्चाएं तेज हो गईं।