क्या झारखंड में आदिवासी विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क आवासीय मेडिकल और इंजीनियरिंग कोचिंग की शुरुआत हुई?
सारांश
Key Takeaways
- निःशुल्क आवासीय कोचिंग की शुरुआत हुई है।
- आदिवासी विद्यार्थियों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने का प्रयास।
- विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा उच्चस्तरीय कोचिंग।
- छात्र-छात्राओं के लिए अलग छात्रावास की व्यवस्था।
- आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए अवसर।
रांची, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड सरकार ने राज्य में अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की निःशुल्क आवासीय कोचिंग प्रदान करने की एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत रांची के हिंदपीढ़ी में स्थापित ‘दिशोम गुरु शिबू सोरेन इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कोचिंग संस्थान’ का उद्घाटन सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया।
इस कोचिंग संस्थान का संचालन देश की प्रसिद्ध संस्था मोशन एजुकेशन, कोटा के साथ साझेदारी में किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना आदिवासी विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुशासन और समर्पण बनाए रखने की अपील की और कहा कि राज्य सरकार आदिवासी समाज के शैक्षणिक व सामाजिक उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कोचिंग परिसर में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद की सुविधाओं का विकास किया जाए ताकि विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास सुनिश्चित हो सके। कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित इस संस्थान में पहले चरण में 300 मेधावी अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों का चयन किया गया है। इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में चयनित छात्रों को विशेषज्ञ शिक्षकों द्वारा उच्चस्तरीय कोचिंग, अध्ययन सामग्री, ई-कंटेंट युक्त टैबलेट, पुस्तकालय और डिजिटल अध्ययन सुविधा प्रदान की जाएगी। यह कोचिंग पूरी तरह निःशुल्क और आवासीय होगी, जिसमें छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास की व्यवस्था की गई है।
अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह पहल 'झारखंड अनुसूचित जनजाति शिक्षण उत्थान कार्यक्रम' के अंतर्गत की गई है, जिसका उद्देश्य आर्थिक कठिनाइयों के कारण मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी पेशेवर पढ़ाई से वंचित प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करना है। योजना का लाभ केवल झारखंड के स्थायी निवासी अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को मिलेगा, जिनके माता-पिता नियमित सरकारी सेवा में नहीं हैं।
संस्थान के उद्घाटन समारोह में कल्याण मंत्री चमरा लिंडा, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कल्याण विभाग पहले से संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण एसटी अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी के लिए सहायता प्रदान कर रहा है।
इसके अलावा, डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के माध्यम से जेपीएससी और जेएसएससी परीक्षाओं की तैयारी भी कराई जाती है। राज्य सरकार एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों के लिए भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की निशुल्क कोचिंग योजना शुरू करने की योजना बना रही है, जिसे अगले शैक्षणिक सत्र से लागू करने और इसके लिए आगामी बजट में राशि आवंटित करने का विचार किया जा रहा है।