क्या झारखंड में कांग्रेस की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद के करीबी ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे?

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क्या झारखंड में कांग्रेस की पूर्व विधायक अंबा प्रसाद के करीबी ठिकानों पर ईडी ने छापे मारे?

सारांश

झारखंड में पूर्व विधायक अंबा प्रसाद के करीबी लोगों के ठिकानों पर ईडी द्वारा छापेमारी का सिलसिला जारी है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी है और सुरक्षा बलों की तैनाती के बीच जारी है। क्या यह कार्रवाई राजनीतिक कारणों से प्रेरित है? जानें पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • ईडी की छापेमारी पूर्व विधायक अंबा प्रसाद के करीबी लोगों पर केंद्रित है।
  • मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला सामने आया है।
  • छापेमारी में 35 लाख रुपये और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।
  • ईडी ने पहले भी इन लोगों से पूछताछ की थी।
  • राजनीतिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से यह मामला महत्वपूर्ण है।

रांची, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र की पूर्व कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के करीबी लोगों के कई ठिकानों पर शुक्रवार से छापेमारी का कार्यवाही शुरू कर दी है। यह कार्रवाई एक चर्चित कंपनी की मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामले में की जा रही है, जो कोल ट्रांसपोर्टिंग, इन्फ्रा और पावर सेक्टर से जुड़ी है।

सूत्रों के अनुसार, ईडी की टीमों ने रांची, हजारीबाग और बड़कागांव में कुल आठ स्थानों पर एक साथ दबिश दी है। अंबा प्रसाद के करीबी संजीत का रांची के किशोरगंज इलाके में स्थित आवास, उनके निजी सहायक संजीव साव, मनोज दांगी और पंचम कुमार के बड़कागांव स्थित ठिकानों पर भी तलाशी ली जा रही है। जहां छापेमारी हो रही है, वहां सुरक्षा बलों की व्यापक तैनाती की गई है।

इससे पहले 12-14 मार्च, 2024 को ईडी ने अंबा प्रसाद, उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, भाई अंकित राज सहित कई रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापेमारी कर कई दस्तावेज बरामद किए थे। इस छापेमारी में 35 लाख रुपये, डिजिटल उपकरण, सर्किल कार्यालयों, बैंकों के नकली टिकट, हाथ से लिखी रसीदें, डायरियां, तथा विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे। माना जा रहा है कि इस बार की छापेमारी भी उन्हीं दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर की जा रही है, जो पहले की जांच में मिले थे।

ईडी की टीमें वित्तीय लेन-देन, जमीन और खनन से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच कर रही हैं। अंबा प्रसाद और उनके रिश्तेदारों के नाम पर बनी 10 कंपनियां ईडी की जांच के दायरे में हैं। पहले, ईडी ने अंबा प्रसाद, उनके पिता योगेंद्र साव और भाई अंकित राज से रांची स्थित जोनल कार्यालय में पूछताछ भी की थी। अंबा प्रसाद ने हजारीबाग जिले के बड़कागांव क्षेत्र से वर्ष 2019 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक का चुनाव जीता था। इसी विधानसभा क्षेत्र से उनकी मां निर्मला देवी और उनके पिता योगेंद्र साव भी पूर्व में विधायक रह चुके हैं।

Point of View

मैं यह कहना चाहूंगा कि झारखंड में ईडी की कार्रवाई राजनीतिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा है, बल्कि यह हमारी लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती को भी दर्शाता है। हमें यह देखना होगा कि क्या यह कार्रवाई निष्पक्ष और पारदर्शी है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने क्यों छापेमारी की?
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में पूर्व विधायक अंबा प्रसाद के करीबी लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है।
छापेमारी में क्या बरामद हुआ?
छापेमारी में 35 लाख रुपये, डिजिटल उपकरण, नकली टिकट और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं।
क्या यह राजनीतिक मामला है?
यह छापेमारी राजनीतिक कारणों से प्रेरित होने की संभावना को भी जन्म देती है, लेकिन यह जांच का विषय है।
अंबा प्रसाद कौन हैं?
अंबा प्रसाद झारखंड के बड़कागांव क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुनी गई थीं।
ईडी की जांच का दायरा क्या है?
ईडी की जांच अंबा प्रसाद और उनके रिश्तेदारों के नाम पर बनी 10 कंपनियों तक फैली हुई है।