क्या झारखंड में जमीन विवाद के चलते जेएमएम नेता की हत्या हुई?

सारांश
Key Takeaways
- झामुमो नेता मुन्ना सिन्हा की हत्या जमीन विवाद में हुई।
- घटना ने पूरे इलाके में आतंक फैला दिया।
- पुलिस आरोपी परिवार के सदस्यों की तलाश कर रही है।
- मृतक के समर्थक न्याय की मांग कर रहे हैं।
- इस हत्या को राजनीतिक साजिश भी माना जा रहा है।
पलामू, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पलामू जिला अंतर्गत पांकी प्रखंड के डंडार गांव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रखंड अध्यक्ष मुन्ना सिन्हा की मंगलवार को जमीन विवाद के चलते बर्बरता से हत्या कर दी गई। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। हत्या का आरोप गांव के अरुण ठाकुर, डोमन ठाकुर और उनके परिवार के सदस्यों पर लगा है। घटना के बाद सभी आरोपी फरार हो गए हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह मुन्ना सिन्हा ट्रैक्टर से अपने घर के निकट स्थित खेत की जुताई करवा रहे थे। इसी दौरान अरुण ठाकुर और डोमन ठाकुर वहां पहुंचे और जमीन विवाद को लेकर उनकी कहासुनी हो गई। यह विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने मुन्ना सिन्हा पर टांगी और धारदार हथियारों से हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल मुन्ना सिन्हा को तुरंत मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, डालटनगंज ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों ने बताया कि उसके सिर और गर्दन पर गहरे जख्म के निशान थे। पांकी थाना प्रभारी राजेश रंजन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह मामला जमीन विवाद से जुड़ा है। घटना के बाद सभी आरोपी परिवार के सदस्य फरार हैं। पुलिस ने कुछ ठिकानों पर छापेमारी की है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है।
मृतक का शव पोस्टमार्टम के लिए मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में झामुमो कार्यकर्ता और नेता अस्पताल पहुंचे। झामुमो जिला अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिन्हा उर्फ गुड्डू सिन्हा ने हत्या की कड़ी निंदा करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की।
ग्रामीणों का कहना है कि मुन्ना सिन्हा का आरोपियों के साथ लंबे समय से भूमि विवाद चल रहा था। वह अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे और पिछले आठ वर्षों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के पांकी प्रखंड अध्यक्ष के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।