क्या झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स में गरीब मेधावी छात्रों को नीट परीक्षा की निःशुल्क कोचिंग मिलेगी?

सारांश
Key Takeaways
- रिम्स में गरीब मेधावी छात्रों के लिए निःशुल्क कोचिंग शुरू होगी।
- कक्षाएं सप्ताह में चार दिन आयोजित की जाएंगी।
- एमबीबीएस टॉपर छात्रों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- इंटर्न डॉक्टरों को 30,000 रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी।
- मृत्यु पर 5,000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
रांची, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में गरीब और मेधावी छात्रों के लिए मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) की निःशुल्क कोचिंग की शुरुआत की जा रही है। यह निर्णय गुरुवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित रिम्स शासी परिषद की बैठक में लिया गया।
बैठक में यह तय हुआ कि रिम्स के एमबीबीएस प्रथम और द्वितीय वर्ष के टॉपर छात्र राज्यभर से चुने गए 30 गरीब मेधावी विद्यार्थियों को इस कोचिंग सेंटर में पढ़ाएंगे। कक्षाएं सप्ताह में चार दिन आयोजित की जाएंगी। इस कोचिंग सेंटर में पढ़ाने वाले एमबीबीएस टॉपर्स को प्रति घंटे 2,500 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इसे राज्य के गरीब और मेधावी छात्रों के लिए चिकित्सा शिक्षा के दरवाजे खोलने में सहायक कदम बताया।
बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि इंटर्नशिप कर रहे एमबीबीएस डॉक्टरों को अब प्रति माह 30,000 रुपए की स्कॉलरशिप दी जाएगी। यह कदम एम्स मॉडल के अनुरूप उठाया गया है, जिसका उद्देश्य इंटर्न डॉक्टरों को आर्थिक सहायता प्रदान करना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
बैठक में लिए गए एक और महत्वपूर्ण फैसले के अनुसार, रिम्स में इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु होने पर मृतक के परिजनों को तत्काल 5,000 रुपए की आर्थिक सहायता यूपीआई के माध्यम से ऑन-द-स्पॉट दी जाएगी, ताकि अंतिम संस्कार में सहायता मिल सके। इसके अलावा, एयर कंडीशंड मोक्ष वाहन के माध्यम से शव को राज्य के किसी भी हिस्से में निःशुल्क पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। इस योजना पर सालाना खर्च लगभग 7 करोड़ रुपए होगा।
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने इस तरह की मानवीय योजना लागू की है। उन्होंने कहा कि निःशुल्क कोचिंग और इंटर्न स्कॉलरशिप से राज्य के चिकित्सा शिक्षा ढांचे में सुधार होगा और राज्य के प्रतिभाशाली छात्रों को मेडिकल करियर में प्रोत्साहन मिलेगा।