क्या झारखंड के सारंडा में आईईडी विस्फोट से 9 साल की बच्ची की मौत हुई?

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क्या झारखंड के सारंडा में आईईडी विस्फोट से 9 साल की बच्ची की मौत हुई?

सारांश

झारखंड के सारंडा जंगल में एक आईईडी विस्फोट ने 9 साल की मासूम बच्ची की जान ले ली। इस घटना ने नक्सलियों के खतरनाक तरीकों को उजागर किया है। जानें इस दर्दनाक घटना के पीछे की सच्चाई और सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बारे में।

Key Takeaways

  • झारखंड के सारंडा में हुई घटना ने नक्सलियों के खतरनाक तरीकों को उजागर किया।
  • बच्ची की मौत ने स्थानीय लोगों में डर पैदा किया है।
  • सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान को तेज किया है।
  • ग्रामीणों को जंगल में न जाने की सलाह दी गई है।
  • इस तरह के विस्फोटों से आम जनता को खतरा है।

पश्चिम सिंहभूम, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के सारंडा जंगल क्षेत्र में एक आईईडी विस्फोट में 9 साल की बच्ची की जान चली गई। यहाँ नक्सलियों ने आईईडी बिछाया था। घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है।

ये घटना जराईकेला थाना क्षेत्र के दीघा गांव के निकट हुई। मृतका की पहचान सीरिया हेरेंज (9 वर्ष) के रूप में हुई, जो ग्रामीणों के साथ पत्ते लाने के लिए जंगल में गई थी।

सीरिया दीघा प्राथमिक विद्यालय में कक्षा तीन की छात्रा थी। उसने अनजाने में नक्सलियों द्वारा लगाए गए विस्फोटक पर पैर रखा, जिससे एक जोरदार धमाका हुआ। धमाके के बाद घटनास्थल पर धुआं छा गया। जब धुआं छटा, तब ग्रामीणों ने देखा कि सीरिया खून से लथपथ जमीन पर पड़ी है। ग्रामीणों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जहां यह हादसा हुआ, वहां से सीआरपीएफ का दीघा कैम्प महज 3 किलोमीटर दूर है। सूचना मिलते ही सीआरपीएफ और पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और आस-पास आईईडी की खोज शुरू कर दी।

ग्रामीणों का कहना है कि जंगल में नक्सलियों द्वारा इस तरह आईईडी लगाना अनुचित है। हम लोग अपने रोजगार के लिए जंगल में जाते हैं। यदि इसी तरह आईईडी लगा रहेगा, तो हम लोगों का रोजगार कैसे चलेगा। नक्सलियों की ओर से ग्रामीणों को परेशान किया जाता है, लेकिन हम अपनी आवाज उठाने में असमर्थ होते हैं।

सुरक्षाबलों और पुलिस ने इस घटना के बाद इलाके में नक्सल विरोधी अभियान को तेज कर दिया है। पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों द्वारा जंगल में बिछाए जा रहे ये बम अब न केवल सुरक्षाबलों के लिए, बल्कि निर्दोष ग्रामीणों और जानवरों के लिए भी जानलेवा साबित हो रहे हैं। इस घटना ने ग्रामीणों में डर और दहशत पैदा कर दी है। हमने ग्रामीणों को सलाह दी है कि वे जंगल में न जाएं ताकि वे अपने घरों में सुरक्षित रह सकें।

Point of View

बल्कि यह देश में नक्सलवाद के खतरे को भी उजागर करती है। जब तक हम इस समस्या का समाधान नहीं करते, तब तक ग्रामीणों का जीवन संकट में है। हमें सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रशासन की मदद से इस समस्या से निपटने की आवश्यकता है।
NationPress
28/10/2025