क्या एशियाई युवा खेलों में भारत का प्रदर्शन बेजोड़ है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत के छह मुक्केबाजों ने फाइनल में स्थान बनाया।
- अनंत देशमुख ने कांस्य पदक जीता।
- लड़कियों ने शानदार प्रदर्शन किया।
- भारतीय कोचों का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा।
- युवाओं का यह प्रदर्शन प्रेरणादायक है।
मनामा, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बहरीन के मनामा में आयोजित तीसरे एशियाई युवा खेलों 2025 में भारत के युवा मुक्केबाजों का अभूतपूर्व प्रदर्शन जारी रहा। पांच लड़कियों और एक लड़के सहित छह मुक्केबाजों ने अपने-अपने फाइनल में स्थान बना लिया। पुरुष वर्ग में अनंत देशमुख ने सेमीफाइनल में जगह बनाते हुए देश के लिए एक कांस्य पदक भी सुनिश्चित किया।
लड़कियों के सेमीफाइनल में, खुशी चंद (46 किग्रा) ने मंगोलिया पर 5:0 की शानदार जीत के साथ भारत का दबदबा स्थापित किया। इसके बाद चंद्रिका भोरेशी पुजारी (54 किग्रा) ने कज़ाकिस्तान की अपनी प्रतिद्वंद्वी को 5:0 से हराया। हरनूर कौर (66 किग्रा) ने शानदार संयम और पलटवार करते हुए चीनी ताइपे (5:0) को मात दी, जबकि अंशिका (+80 किग्रा) ने चीन को एक और क्लीन स्वीप में हराया।
दूसरे सत्र में, अहाना (50 किग्रा) ने उज्बेकिस्तान की कड़ी चुनौती का सामना करते हुए 3:2 से जीत दर्ज की।
लड़कों में, लैंचेनबा सिंह मोइबुंगखोंगबाम (50 किग्रा) ने कोरिया गणराज्य के मुक्केबाज को 5:0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। इस बीच, अनंत देशमुख (66 किग्रा) ने कजाकिस्तान के मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ बहादुरी से मुकाबला किया लेकिन कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
छह फाइनलिस्ट और एक कांस्य पदक के साथ, भारत ने महाद्वीपीय स्तर पर अपने अब तक के सबसे सफल युवा मुक्केबाजी अभियानों में से एक दर्ज किया है।
राष्ट्रीय कोच विनोद कुमार (लड़कों के मुख्य कोच) और जितेंद्र राज सिंह (लड़कियों के मुख्य) के मार्गदर्शन में भारतीय दल का लक्ष्य अब 30 अक्टूबर को होने वाले टूर्नामेंट के समापन पर अपनी लय को स्वर्ण पदक में बदलना होगा।
इससे पहले, टीम इंडिया के युवा मुक्केबाजों ने तीसरे एशियाई युवा खेलों 2025 में अपना प्रभावशाली प्रदर्शन जारी रखा। लामचेमंबा, उधम सिंह और अनंत देशमुख ने शानदार जीत दर्ज की।