क्या 17 साल की भूमिका नेहते कॉमनवेल्थ और ओलंपिक में मेडल की उम्मीद जगा सकती हैं?
सारांश
Key Takeaways
- भूमिका नेहते ने एशियाई युवा खेल में दो पदक जीते।
- उन्होंने 200 मीटर दौड़ में कांस्य पदक और 4x100 मीटर रिले में रजत पदक जीता।
- वह नासिक की पहली धावक हैं जिन्होंने एशियाई खेल में मेडल जीता।
- उनके कोच सिद्धार्थ वाघ ने भी ओलंपिक में मेडल की उम्मीद जताई है।
- भूमिका का सपना है कि वह ओलंपिक में भारत का नाम रोशन करें।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 17 साल की भूमिका नेहते ने बहरीन में आयोजित एशियाई युवा खेल में देश को दो पदक दिलवाए। एक पदक उन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धा में जीता जबकि दूसरा टीम के साथ जीता। भूमिका एक प्रतिभाशाली धावक हैं, और उनकी गति देखकर बड़े विशेषज्ञ उन्हें भविष्य में ओलंपिक में मेडल की उम्मीद के रूप में देखते हैं।
भूमिका ने महाराष्ट्र के नासिक से हैं। 5 साल पहले उन्होंने कोच सिद्धार्थ वाघ के मार्गदर्शन में अपने करियर की शुरुआत की थी। पिछले 5 वर्षों की निरंतर मेहनत का परिणाम अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखने को मिल रहा है। भूमिका नासिक की पहली धावक हैं जिन्होंने एशियाई खेल जैसे बड़े इवेंट में पदक जीते हैं।
बहरीन में आयोजित एशियाई युवा खेल में उन्होंने 200 मीटर दौड़ को 24.43 सेकंड में पूरा कर कांस्य पदक जीता। इसके बाद, 4x100 मीटर रिले में उनकी टीम ने 2.12 मिनट में दौड़ पूरी कर रजत पदक जीता। उनकी साथी थीं एडविना जेसन, शौर्य अंबुरे, और तन्नू। दोनों श्रेणियों में उनके प्रदर्शन ने उनकी प्रतिभा को साबित किया।
भूमिका ने इससे पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण और रजत पदक जीते हैं। उन्होंने पटना में खेलो इंडिया राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 200 मीटर में पहला स्थान पाया था। इसके अलावा, भुवनेश्वर में आयोजित 40वीं जूनियर ग्रुप चैंपियनशिप में भी उन्होंने रजत पदक जीता था। उनके लगातार बढ़ते प्रदर्शन ने उन्हें कॉमनवेल्थ और ओलंपिक जैसे वैश्विक मंच पर मेडल जीतने की उम्मीद जगाई है।
वह विज्ञान से 11वीं कक्षा की छात्रा हैं और उनका सपना है कि वे कॉमनवेल्थ और ओलंपिक जैसे बड़े इवेंट में देश के लिए मेडल जीतें। दौड़ एक ऐसी विधा है जिसमें अभी तक किसी भी भारतीय महिला धावक ने ओलंपिक में मेडल नहीं जीता है। पीटी उषा ने इसके करीब जाकर चूक की थी। संभव है कि भूमिका वह करिश्मा कर दिखाएं जिसे पीटी उषा नहीं कर सकीं।
उनके कोच सिद्धार्थ वाघ ने भी ओलंपिक में पदक जीतने की उम्मीद जताई है।