क्या झारखंड की घाटशिला उपचुनाव में झामुमो ने दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के बेटे सोमेश को प्रत्याशी बनाया?

सारांश
Key Takeaways
- घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की तिथि 11 नवंबर है।
- सोमेश सोरेन को झामुमो ने प्रत्याशी बनाया है।
- भाजपा ने बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है।
- मतदाता संख्या 2,55,823 है।
- महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है।
रांची, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सोमेश सोरेन को अपना प्रत्याशी चुना है। वे इस सीट के दिवंगत विधायक रामदास सोरेन के पुत्र हैं, जो झारखंड सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके थे।
बुधवार को झामुमो के अध्यक्ष हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय समिति की बैठक में सोमेश सोरेन को उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया गया। घाटशिला सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। वर्ष 2024 के चुनावों में जीत दर्ज करने वाले रामदास सोरेन के निधन के कारण यह सीट रिक्त हुई है। इस उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच होने की संभावना है।
भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को चुनावी मैदान में उतारा है। यह जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा बुधवार को जारी पत्र में दी गई है। 2024 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। उस चुनाव में विजयी रामदास सोरेन ने 98,356 वोट प्राप्त किए थे, जबकि बाबूलाल सोरेन ने 75,910 वोट हासिल किए थे।
उपचुनाव की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी की गई थी। उम्मीदवार के नामांकन की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर है। नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 24 अक्टूबर है। यहां 11 नवंबर को मतदान होगा और 14 नवंबर को मतगणना की जाएगी।
घाटशिला विधानसभा सीट पूर्वी सिंहभूम जिले में आती है और यह अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस उपचुनाव में कुल 2,55,823 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 1,24,899 पुरुष और 1,30,921 महिला मतदाता शामिल हैं।
इस विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। विधानसभा क्षेत्र में 218 लोकेशन पर कुल 300 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 12 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुचारू बनाने के लिए सभी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं।