क्या जितेंद्र आव्हाड की टिप्पणी अनुचित है? शंभूराज देसाई का बयान

सारांश
Key Takeaways
- जितेंद्र आव्हाड का बयान विवादास्पद है।
- शंभूराज देसाई ने इसकी निंदा की।
- सद्भावना और सर्वधर्म समभाव का महत्व।
- पाकिस्तान के साथ संबंधों पर स्पष्टता।
- जांच की आवश्यकता पर बल।
मुंबई, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एनसीपी-एसपी नेता जितेंद्र आव्हाड द्वारा 'सनातन धर्म' पर किए गए विवादास्पद बयान पर शिवसेना नेता और कैबिनेट मंत्री शंभूराज देसाई ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान देना उचित नहीं है और ऐसी टिप्पणियाँ नहीं की जानी चाहिए।
मंत्री शंभूराज देसाई ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि सनातन संस्कृति पर इस तरह की बातें करना या इसकी किसी अन्य चीज़ से तुलना करना अनुचित है। ऐसा बयान देने से माहौल खराब होता है। महाराष्ट्र में काम करने वाले लोग सद्भावना बढ़ाने और 'सर्वधर्म समभाव' के सिद्धांत के साथ कार्य करते हैं। ऐसा लगता है कि आव्हाड जानबूझकर स्थिति को बिगाड़ने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं।
उन्होंने भारत बनाम पाकिस्तान क्रिकेट मैच के संदर्भ में कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो हमारे पर्यटकों पर गोली चलाता है, ऐसे देश से कोई संबंध नहीं होना चाहिए। हालांकि, मैच को लेकर हमारी पार्टी चर्चा करेगी, इसकी जानकारी आधिकारिक रूप से दी जाएगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण के बयान पर देसाई ने कहा कि उनकी टिप्पणियाँ उचित नहीं हैं और हम उनकी निंदा करते हैं।
पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान पर देसाई ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। जब साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनसे कहा गया कि अगर वे कुछ लोगों का नाम लेंगी जो मामले में शामिल नहीं थे, तो उनका नाम मामले से हटा दिया जाएगा, यह दर्शाता है कि पुलिस प्रशासन झूठे मामलों में लोगों को फंसाने का प्रयास कर रहा था। इसलिए मालेगांव केस में राजकीय लाभ के लिए पीएम मोदी और मोहन भागवत जैसे बड़े नामों को साजिश के तहत फंसाने का काम किया जा रहा था। इसकी जांच आवश्यक है।