क्या जेपी नड्डा ने एम्स बिलासपुर के तीसरे स्थापना दिवस समारोह में महत्वपूर्ण घोषणाएं की?

सारांश
Key Takeaways
- एम्स बिलासपुर ने अपनी स्थापना के तीन वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने 127 नए पद स्वीकृत किए हैं।
- पेश की गई 500 बिस्तरों की विश्राम सदन योजना मरीजों के लिए राहत प्रदान करेगी।
- स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता बनाए रखने का वादा।
- एम्स ब्रांड की प्रतिष्ठा को बनाए रखने पर जोर।
बिलासपुर, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में एम्स बिलासपुर के तीसरे स्थापना दिवस समारोह की मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता की। उनके साथ लोकसभा सांसद अनुराग ठाकुर, राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर और हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर नड्डा ने अपने संबोधन में कहा, “उन्नत एमआरआई, सीटी स्कैनर, पीईटी-सीटी, एंडोस्कोपी सुइट्स और ब्रोंकोस्कोपी सुइट्स जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एम्स बिलासपुर ने अपनी स्थापना के केवल तीन वर्षों के भीतर उल्लेखनीय प्रगति की है।” उन्होंने कहा, “आसपास के राज्यों के लोग भी एम्स बिलासपुर में इलाज के लिए आ रहे हैं, यह तथ्य इस संस्थान में लोगों के बढ़ते विश्वास और भरोसे को दर्शाता है।”
नड्डा ने गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने न्यूक्लियर मेडिसिन, कैंसर देखभाल और गुर्दा प्रत्यारोपण में उल्लेखनीय उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि निजी व्यय में कमी रही है। जहां पहले लोगों को पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ता था, वहीं आज एम्स बिलासपुर इस क्षेत्र की उच्च स्तरीय तृतीयक चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा करता है।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा शिक्षा के संबंध में बताया कि हाल ही में एम्स बिलासपुर के लिए 127 पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें 29 संकाय और 98 गैर-संकाय पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि चयन समिति एक वर्ष तक सक्रिय रहेगी और इन पदों को शीघ्रता से भरने के लिए कम से कम चार साक्षात्कार आयोजित करने के लिए अधिदेशित है।
नड्डा ने दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के लिए एम्स बिलासपुर में 500 बिस्तरों वाले विश्राम सदन की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, टाइप III, IV और V क्वार्टरों के निर्माण के साथ-साथ स्नातक छात्रों के छात्रावासों के लिए 165 करोड़ रुपए और एक इनडोर स्टेडियम के लिए 5 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।
एम्स ब्रांड की प्रतिष्ठा बरकरार रखने के महत्व पर जोर देते हुए नड्डा ने गुणवत्तापूर्ण देखभाल बनाए रखकर और नवाचार को बढ़ावा देकर अन्य एम्स संस्थानों की सफलताओं को दोहराने का आह्वान किया। उन्होंने देश भर के एम्स केंद्रों के बीच अल्पकालिक आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित करने की हाल की पहल को रेखांकित किया।
उन्होंने नीति आयोग और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के सहयोग से एक टीम का गठन किए जाने का भी उल्लेख किया, जो सभी एम्स संस्थानों का दौरा करेगी और विभागीय विकास एवं स्थिरता के लिए भविष्य का रोडमैप तैयार करेगी।
नड्डा ने पिछले 11 वर्षों में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “देश में इस समय 808 मेडिकल कॉलेज हैं। सालाना स्नातक मेडिकल सीटें लगभग 35,000 से बढ़कर 1.25 लाख हो गई हैं। पिछली कैबिनेट में प्रधानमंत्री ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 5,000 नई स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों को मंजूरी दी थी।” उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में सरकारी चिकित्सा संस्थानों में 75,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटें शुरू की जाएंगी।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के कुलगीत का आधिकारिक विमोचन किया गया, जो एम्स बिलासपुर की भावना और लोकाचार का प्रतीक है। इस अवसर पर विशेष पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उत्कृष्ट शैक्षणिक और पाठ्येतर उपलब्धियों के लिए मेधावी छात्रों को सम्मानित किया।