क्या कलौंजी को रसोई का सामान्य मसाला समझना सही है, यह कमजोर याददाश्त और झड़ते बालों के लिए फायदेमंद कैसे है?
सारांश
Key Takeaways
- कलौंजी में कई औषधीय गुण होते हैं।
- यह याददाश्त और बालों की समस्याओं में लाभकारी है।
- गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
नई दिल्ली, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रसोई में कई ऐसे मसाले हैं, जो सिर्फ स्वाद को बढ़ाने में मदद नहीं करते, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं। काले, छोटे दाने वाले कलौंजी को 'हर मर्ज की दवा' माना जाता है।
कलौंजी को नाइजेला बीज भी कहते हैं। इसमें फाइबर, विटामिन, प्रोटीन, अमीनो एसिड, फैटी एसिड के साथ-साथ एंटीवायरल, एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में इसे संजीवनी के रूप में महत्व दिया गया है।
कलौंजी के सेवन से अनेक लाभ मिलते हैं। यह याददाश्त को बढ़ाने, बालों को मजबूत करने के साथ-साथ पेट की गैस, पेशाब में जलन, खाज-खुजली, हिचकी, बालों का झड़ना, सूजन, और पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में सहायक है। इसके अतिरिक्त, यह अनिद्रा, सिरदर्द, पेट दर्द, स्वप्नदोष, जोड़ों के दर्द, मुंहासे, मधुमेह, मोटापा, किडनी स्वास्थ्य, हृदय रोग और बवासीर जैसी कई समस्याओं में भी लाभकारी है। कलौंजी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के कारण यह दिल को स्वस्थ रखने में मददगार है और इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है।
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि कलौंजी का सेवन कैसे करना चाहिए। याददाश्त बढ़ाने के लिए आधा चम्मच कलौंजी पाउडर को शहद में मिलाकर सुबह-शाम लें। बालों के झड़ने को रोकने के लिए 50 ग्राम कलौंजी को एक लीटर पानी में उबालकर, बचे पानी से बाल धोएं; इससे बाल लंबे, काले और घने हो जाते हैं। जोड़ों के दर्द और सूजन में कलौंजी पाउडर का लेप लगाएं या सेब के सिरके, शहद और कलौंजी के तेल का मिश्रण रात में पिएं। महिलाओं के लिए कलौंजी विशेष रूप से लाभकारी है। पीरियड्स के दर्द और अनियमितता में 1 ग्राम पाउडर सुबह-शाम लें।
पेट संबंधी समस्याओं के लिए कलौंजी बहुत फायदेमंद है। गैस के लिए कलौंजी, जीरा और अजवाइन का पाउडर खाने के बाद लें। हिचकी में कलौंजी पाउडर दही या मक्खन के साथ लें। मधुमेह नियंत्रण के लिए रोजाना 2 ग्राम कलौंजी का सेवन करें। वजन घटाने के लिए कलौंजी, मेथी, दालचीनी, जीरा और सौंफ का काढ़ा सुबह-शाम पिएं।
आयुर्वेद में कलौंजी को औषधीय गुणों के कारण एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है और इसके सेवन से कई गंभीर रोगों को मात दी जा सकती है। हालाँकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन न करें। गर्भवती महिलाओं को कलौंजी का सेवन नहीं करना चाहिए।