क्या करण जौहर को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली राहत, बिना अनुमति तस्वीर या आवाज के इस्तेमाल पर लगी रोक?

सारांश
Key Takeaways
- करण जौहर को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिली है।
- बिना अनुमति के उनके नाम, आवाज और फोटो का इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।
- ये निर्णय व्यक्तित्व अधिकार की सुरक्षा को दर्शाता है।
नई दिल्ली, 17 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के मशहूर निर्माता करण जौहर को व्यक्तित्व अधिकार के मामले में एक बड़ी जीत मिली है। अब बिना उनकी अनुमति के कोई भी उनके नाम, आवाज या फोटो का उपयोग नहीं कर सकेगा।
करण जौहर ने अपने व्यक्तित्व अधिकार की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके पक्ष में एक अंतरिम निषेधाज्ञा जारी की है।
यह मामला पहली बार सोमवार, 15 सितंबर को अदालत में प्रस्तुत किया गया था, जब न्यायमूर्ति मनमीत पी.एस. अरोड़ा ने कहा कि वह करण जौहर द्वारा उठाए गए कई मुद्दों की सुनवाई करेंगी। इनमें उनके नाम और फोटो का उपयोग करके सामान बेचना, फर्जी प्रोफाइल, डोमेन नाम का दुरुपयोग और अश्लील सामग्री शामिल थी। करण जौहर की याचिका में कुछ वेबसाइटों और प्लेटफार्मों को उनकी तस्वीर वाले मग और टी-शर्ट जैसे सामान अवैध रूप से बेचने से रोकने की भी मांग की गई थी।
याचिका में करण जौहर के वकील ने यह दावा किया था कि विभिन्न संस्थाएं उनकी सहमति के बिना उनके नाम, फोटो, आवाज आदि का आर्थिक लाभ के लिए उपयोग कर रही हैं। करण जौहर के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने भी इस बात की पुष्टि की।
इसके अलावा, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के स्वामित्व वाली मेटा प्लेटफार्म्स के वकील ने तर्क दिया कि चिन्हित की गई कई टिप्पणियां मानहानिकारक नहीं थीं। वकील ने कहा, "ये आम लोग हैं जो टिप्पणियां कर रहे हैं और चर्चा कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर व्यंग्य और चुटकुले हैं, जो मानहानिकारक नहीं हैं।" उन्होंने अदालत को बताया कि अगर पूर्ण प्रतिबंध लगता है तो बहुत सारे केस दर्ज होने शुरू हो जाएंगे।
इससे पहले, ऐश्वर्या राय बच्चन और अभिषेक बच्चन को भी व्यक्तित्व अधिकार के मामले में हाईकोर्ट से राहत मिली थी। तब अलग-अलग अदालतों ने पति-पत्नी को राहत देते हुए उनकी तस्वीरों और आवाज को बिना अनुमति के इस्तेमाल करने पर रोक लगाई थी। इसके साथ ही यह भी कहा था कि इन अभिनेताओं को भ्रामक या अपमानजनक तरीके से चित्रित करने के लिए एआई सहित प्रौद्योगिकी का उपयोग करना गोपनीयता और गरिमा का उल्लंघन है।