क्या कारगिल विजय दिवस पर राष्ट्रपति मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री शाह ने वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी?

सारांश
Key Takeaways
- कारगिल विजय दिवस वीरता और बलिदान का प्रतीक है।
- राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री ने सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
- इस दिन को मनाने का उद्देश्य जवानों के साहस को याद करना है।
- सैनिकों का बलिदान हमें प्रेरित करता है।
- इस दिन की महत्ता को समझना जरूरी है।
नई दिल्ली, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कारगिल विजय दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भारतीय वायु सेना और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से सैनिकों की अदम्य साहस और शौर्य को याद करते हुए उनके योगदान को नमन किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लिखी गई पोस्ट में कहा, "कारगिल विजय दिवस के इस अवसर पर मैं उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। यह दिन हमारे जवानों की असाधारण वीरता, साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। उनके प्रति समर्पण और सर्वोच्च बलिदान सदैव देशवासियों को प्रेरित करेगा। जय हिन्द! जय भारत!"
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, "कारगिल विजय दिवस पर, मैं उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में देश के सम्मान की रक्षा के लिए अदम्य साहस, धैर्य और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया। कारगिल युद्ध के दौरान उनका बलिदान हमारे सशस्त्र बलों के अटूट संकल्प की याद दिलाता है। भारत उनकी सेवा का सदैव ऋणी रहेगा।"
भारतीय वायु सेना ने कहा, "हम कारगिल युद्ध के वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उनका साहस और बलिदान एकजुट राष्ट्र को प्रेरित करता रहेगा।"
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा, "कारगिल विजय दिवस देश के वीर जवानों के गौरव और विजय का अद्वितीय दिन है। 1999 में हमारे जवानों ने ‘ऑपरेशन विजय’ के तहत दुश्मनों को पराजित किया, अदम्य साहस की मिसाल पेश की। मैं उन सभी शूरवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जो मातृभूमि की रक्षा हेतु अपने प्राणों का बलिदान दिया। यह राष्ट्र आपके त्याग का हमेशा ऋणी रहेगा।"