क्या कर्नाटक धर्मस्थल विवाद में सीटी रवि का आरोप धर्मांतरण के लिए आस्था को ठेस पहुंचाने की साजिश है?

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क्या कर्नाटक धर्मस्थल विवाद में सीटी रवि का आरोप धर्मांतरण के लिए आस्था को ठेस पहुंचाने की साजिश है?

सारांश

कर्नाटक के धर्मस्थल विवाद में सीटी रवि ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने धर्मांतरण के लिए साजिश और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का दावा किया है। क्या यह सच है या एक राजनीतिक खेल है? जानिए इस विवाद के पीछे का सच।

Key Takeaways

  • धर्मांतरण की साजिश का आरोप
  • धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने का दावा
  • जांच में पारदर्शिता की आवश्यकता
  • सोशल मीडिया के प्रभाव का विश्लेषण
  • राजनीतिक लाभ और समाज का ध्रुवीकरण

मंगलुरु, १७ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के धर्मस्थल पर लोगों की कथित सामूहिक कब्र मामले में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और एमएलसी सी.टी. रवि ने रविवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने धर्मांतरण के लिए साजिश रचने और जानबूझकर लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।

भाजपा एमएलसी सी.टी. रवि ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हिंदू तीर्थस्थल धर्मस्थल को निशाना बनाकर किए गए कथित सामूहिक कब्र मामले से जुड़े घटनाक्रम में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की साजिश रची जा रही है, ताकि धर्मांतरण को बढ़ावा दिया जा सके। एक बार लोगों की आस्थाएं आहत हो जाती हैं, तो धर्मांतरण आसान हो जाता है। कुछ ताकतें कथित सामूहिक कब्र मामले में लोगों को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं।"

उन्होंने कहा, "हम जांच पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, लेकिन जिन लोगों ने जांच शुरू होने से पहले ही धर्मस्थल, तीर्थस्थल और धर्माधिकारी के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाया, उनकी भी जांच होनी चाहिए। जांच से पहले ही आरोप लगाए गए और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाई गई। यह एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। इसके पीछे धर्मांतरण माफिया का हाथ है। एक बार आस्था और विश्वास टूट जाए, तो ये ताकतें स्थिति का फायदा उठाना चाहती हैं।"

भाजपा नेता ने बताया, "जब हम बच्चे थे, तो हमारे माता-पिता हमारी आस्था को आगे बढ़ाने के इरादे से हमारे जरिए मंदिरों में दान करते थे। लेकिन पीढ़ियों से आस्था को तोड़ने की साजिश रची जा रही है। सोशल मीडिया अभियान को किसने बढ़ावा दिया और किसने इसे फंडिंग की? इसकी भी जांच होनी चाहिए। अगर वे चाहें तो 20 और जगहों की जांच कर लें। यह धन विदेश से आया है और धर्मांतरण से जुड़े होने का संदेह है। शहरी नक्सलियों ने इस दुष्प्रचार की रणनीति बनाई है। सदियों पुरानी आस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं और उसकी जांच की जा रही है—इसकी भी जांच होनी चाहिए।"

उन्होंने आगे पूछा, "क्या भक्तों को भोजन कराना अपराध है? जब जातिगत भेदभाव व्यापक था, तो क्या बिना किसी भेदभाव के, सभी को एक साथ भोजन परोसने की व्यवस्था शुरू करना अपराध था? क्या बच्चों को शिक्षा प्रदान करना अपराध था? क्या स्वास्थ्य क्षेत्र में उनका योगदान अपराध था? क्या ट्रस्टों के माध्यम से मंदिरों का पुनर्निर्माण अपराध था? क्या राज्य भर के लोगों को मंदिर निर्माण में मदद करना अपराध था? यहां अपराध क्या है?"

जांच के बहाने धर्मस्थल को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए रवि ने कहा, धर्माधिकारी और उनके परिवार को निशाना बनाना अपने आप में एक अपराध है। यह एक साजिश है और इसका पर्दाफाश होना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से आग्रह करता हूं कि वे झूठे प्रचार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें। जिस तरह सरकार ने एक अज्ञात व्यक्ति की शिकायत के आधार पर मामले की जांच की, उसी तरह उस शिकायतकर्ता की पृष्ठभूमि और उसके पीछे की ताकतों की भी जांच होनी चाहिए।"

उन्होंने मांग करते हुए कहा, "आपने उन सभी जगहों की खुदाई कर ली है जिन्हें उन्होंने कब्रिस्तान बताया था। आपको क्या मिला? क्या आपको नहीं लगता कि यह सब मनगढ़ंत है? क्या यह किसी साजिश का हिस्सा नहीं है? इसके पीछे की ताकतों की जांच होनी चाहिए। मैं आग्रह करता हूं कि अगर मुख्यमंत्री सचमुच धर्मस्थल और उसके भक्तों की भावनाओं का सम्मान करते हैं, तो शिकायतकर्ता और उसके पीछे के लोगों की पृष्ठभूमि की भी एसआईटी द्वारा जांच होनी चाहिए। हमें विश्वास है कि ये आरोप धुंधले पड़ जाएंगे और धर्मस्थल की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।

Point of View

NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक धर्मस्थल विवाद क्या है?
यह विवाद धर्मस्थल पर कथित सामूहिक कब्र मामले को लेकर है, जिसमें सी.टी. रवि ने धर्मांतरण के लिए साजिश का आरोप लगाया है।
सी.टी. रवि ने क्या आरोप लगाए हैं?
उन्होंने आरोप लगाया है कि धर्मस्थल को जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है ताकि धर्मांतरण को बढ़ावा दिया जा सके।
इस मामले में जांच किस प्रकार की जा रही है?
जांच के दौरान उन लोगों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है जिन्होंने पहले से ही धर्मस्थल के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाया।