क्या जम्मू-कश्मीर में कटरा के संपत्ति मालिकों के लिए किराएदारों का पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी है?
सारांश
Key Takeaways
- संपत्ति मालिकों को किराएदारों का विवरण पुलिस में जमा करना अनिवार्य है।
- यह आदेश सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है।
- आदेश का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
- किराएदारों और घरेलू सहायकों की पहचान महत्वपूर्ण है।
- स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एक आवश्यक कदम है।
कटरा, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू और कश्मीर के उपविभागीय मजिस्ट्रेट पीयूष धोत्रा ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत सभी संपत्ति मालिकों को उनके किराएदारों और घरेलू सहायकों का विवरण तीन दिनों के भीतर अपने स्थानीय पुलिस स्टेशन में जमा करना होगा।
यह निर्देश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत जारी किया गया है, जो सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक निवारक उपाय है।
आदेश के अनुसार, मकान मालिकों को किराएदारों और घरेलू सहायकों का विवरण संबंधित पुलिस थाने में अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा, जिसे थाना प्रभारी द्वारा बनाए गए विशेष रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
इस विवरण में किराएदार और मालिक दोनों के हस्ताक्षर आवश्यक हैं, और इसे व्यक्तिगत रूप से या पंजीकृत डाक के माध्यम से पुलिस स्टेशन में भेजा जा सकता है।
इस आदेश का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आवासीय क्षेत्रों में किसी भी असामाजिक या राष्ट्र विरोधी तत्वों की घुसपैठ न हो, क्योंकि वे किराएदारों और घरेलू सहायकों के रूप में छिपने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसे तत्वों की पहचान और सत्यापन के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है।
संपत्ति मालिकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि उन्होंने अपने किराएदारों का सत्यापन नहीं किया है, तो उन्हें तुरंत विवरण प्रस्तुत करना होगा। खासकर पेइंग गेस्ट, किराएदार, और उप-किराएदार सभी इस आदेश के दायरे में आते हैं।
आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश एकतरफा रूप से जारी किया गया है और इसकी जानकारी प्रमुख समाचार पत्रों और सार्वजनिक सूचना पट्टों के माध्यम से जनता को उपलब्ध कराई जा रही है।
उपविभागीय मजिस्ट्रेट पीयूष धोत्रा ने कहा कि यह कदम स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए उठाया गया है, ताकि संभावित खतरों से निपटने के लिए निगरानी और नियंत्रण रखा जा सके।