क्या हैं सीपी राधाकृष्णन के बारे में जानना आवश्यक है, जो बने देश के नए उपराष्ट्रपति?

सारांश
Key Takeaways
- सीपी राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना एक महत्वपूर्ण घटना है।
- उन्होंने राजनीति में चार दशकों से अधिक समय बिताया है।
- उनकी अध्यक्षता में कॉयर निर्यात में बड़ा उछाल आया।
- राज्यपाल के रूप में उन्होंने सभी 24 जिलों का दौरा किया।
- राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में उनका अनुभव उन्हें इस नए पद के लिए उपयुक्त बनाता है।
नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को देश का नया उपराष्ट्रपति चुना गया है। उपराष्ट्रपति चुनाव में उन्हें 452 मत प्राप्त हुए हैं। उनकी इस जीत के साथ, राधाकृष्णन अब देश के उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे।
1957 में तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री हासिल की। वे आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में सार्वजनिक जीवन में आए और 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। 1996 में उन्हें भाजपा का राज्य सचिव बनाया गया और दो साल बाद 1998 में, वे पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा पहुँचे। 1999 में उन्होंने दोबारा संसद में प्रवेश किया।
सांसद रहते हुए उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता की और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति सहित कई महत्वपूर्ण समितियों में जिम्मेदारी निभाई। वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी रहे।
2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने। उसी वर्ष ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल में भी उनकी भागीदारी रही। 2004 से 2007 तक उन्होंने भाजपा तमिलनाडु इकाई का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने 93 दिन तक चली 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली, जिसमें नदियों को जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता और नशामुक्ति जैसे मुद्दे प्रमुख रहे।
2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहां उनके नेतृत्व में कॉयर निर्यात 2,532 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। 2020 से 2022 के बीच वे केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे।
18 फरवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्होंने अपने कार्यकाल के शुरुआती चार महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया। इसके अलावा, वे कुछ समय के लिए तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल चुके हैं। 31 जुलाई 2024 को राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद की शपथ ली और पूरे राज्य का दौरा कर विभिन्न वर्गों से संवाद स्थापित किया।
राज्यपाल रहते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी। छात्र जीवन में राधाकृष्णन टेबल टेनिस के चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे हैं। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक है।
राधाकृष्णन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और जापान की यात्राएं कर चुके हैं।
चार दशक से अधिक समय से राजनीति और सार्वजनिक जीवन में सक्रिय सीपी राधाकृष्णन अब उपराष्ट्रपति के रूप में नई जिम्मेदारी निभाएंगे।