क्या किरेन रिजिजू ने हिमाचल के केलांग में 26.75 करोड़ की सीवरेज योजना का शिलान्यास किया?

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क्या किरेन रिजिजू ने हिमाचल के केलांग में 26.75 करोड़ की सीवरेज योजना का शिलान्यास किया?

सारांश

हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 26.75 करोड़ की सीवरेज योजना का शिलान्यास किया। यह योजना केलांग और बिलिंग गांवों के लगभग 9,600 लोगों को लाभान्वित करेगी। इस योजना से क्षेत्र में स्वच्छता और जनस्वास्थ्य में सुधार होगा। जानें इस योजना के बारे में और क्या है इसका महत्व?

Key Takeaways

  • केलांग में 26.75 करोड़ की सीवरेज योजना का शिलान्यास किया गया।
  • इस योजना से 9,600 लोग लाभान्वित होंगे।
  • केंद्र 90% और राज्य 10% खर्च वहन करेगा।
  • स्वच्छता और जनस्वास्थ्य में सुधार होगा।
  • यह योजना अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा समर्थित है।

लाहौल-स्पीति, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। हिमाचल प्रदेश के केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने रविवार को प्रधानमंत्री जन कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत 26.75 करोड़ रुपये की केलांग सीवरेज योजना की आधारशिला रखी। इस योजना में केंद्र 90 प्रतिशत और राज्य सरकार 10 प्रतिशत खर्च वहन करेगी। इससे केलांग और बिलिंग गांवों के लगभग 9,600 लोग लाभान्वित होंगे।

केलांग में जनसभा को संबोधित करते हुए किरेन रिजिजू ने कहा कि इस सीवरेज योजना के निर्माण से क्षेत्र में स्वच्छता और जनस्वास्थ्य की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार होगा। यह योजना केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है, जो लाहुल-स्पीति जैसे दुर्गम क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने चार दिवसीय प्रवास में शिमला, कल्पा से लेकर केलांग तक का दौरा किया। उन्होंने कहा कि देश में लाहौल-स्पीति जिले को अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय द्वारा सबसे अधिक धनराशि प्रदान की गई है। मंत्रालय की ओर से जिले के लिए 200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने अपने चार दिवसीय दौरे में 167 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया।

उन्होंने कहा कि जनजातीय जिलों का दौरा विशेष रहा जिसमें स्थानीय लोगों से मिलने का अवसर मिला। इस दौरान कई प्रमुख गोम्पा और बौद्ध मठों के लोग अपनी समस्याओं को लेकर मिले। उन्होंने कहा कि ऐसे प्राचीन मठों और प्रमुख गोम्पाओं के जीर्णोद्धार के लिए बुद्धिस्ट डेवलपमेंट प्लान बनाकर सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि गोम्पा और बौद्ध मठों द्वारा जो भी आवेदन आएंगे, उन्हें धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अटल टनल के निर्माण से इस क्षेत्र के लोगों की समस्याएं पहले से कम हुई हैं। विकास की दृष्टि से लाहौल-स्पीति को आगे ले जाना दोनों सरकारों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि एक्सट्रीम बॉर्डर एरिया क्षेत्र के लोगों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए गृह मंत्रालय ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम चलाया है। इस योजना में ऐसे गांवों में सड़क, स्कूल, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम द्वारा आयोजित जागरूकता शिविर में लाभार्थियों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम ने राज्य सरकार के अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम से समझौता किया है। इस योजना में लोगों को सस्ते लोन उपलब्ध कराकर अल्पसंख्यकों को स्वरोजगार अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

इससे पहले लाहौल-स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने केंद्रीय मंत्री का केलांग पहुंचने पर स्वागत किया और केलांग के लिए सीवरेज योजना के शिलान्यास पर केंद्र और राज्य सरकार का आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का केलांग के लिए प्रधानमंत्री जन कल्याण कार्यक्रम में 90:10 के वित्तीय अनुपात में करोड़ों रुपये की योजना स्वीकार करने के लिए आभार प्रकट किया।

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी केंद्रीय मंत्री, किरेन रिजिजू का प्रदेश के जनजातीय जिलों का दौरा करने के लिए आभार जताया।

Point of View

जो किसी भी राष्ट्र के लिए आवश्यक है। केंद्रीय मंत्री की इस पहल से स्पष्ट होता है कि सरकार दूरदराज के क्षेत्रों के विकास के प्रति गंभीर है। यह योजना निश्चित रूप से लाहौल-स्पीति के लिए एक सकारात्मक कदम है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

सीवरेज योजना का क्या उद्देश्य है?
इस योजना का उद्देश्य क्षेत्र में स्वच्छता और जनस्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करना है।
इस योजना से कितने लोग लाभान्वित होंगे?
इस योजना से केलांग और बिलिंग गांवों के लगभग 9,600 लोग लाभान्वित होंगे।
केंद्र और राज्य सरकार का योगदान क्या है?
इस योजना में केंद्र 90 प्रतिशत और राज्य सरकार 10 प्रतिशत खर्च वहन करेगी।