क्या केंद्र ने 35 आवश्यक दवाओं की कीमतों में कटौती की?

सारांश
Key Takeaways
- 35 आवश्यक दवाओं की कीमतों में कटौती की गई है।
- इससे पुरानी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को राहत मिलेगी।
- दवाओं की कीमतें 13 रुपए से शुरू होती हैं।
- निर्माताओं को नए प्राइस लिस्ट जारी करने होंगे।
- नियमों का पालन न करने पर दंडात्मक प्रावधान लागू होंगे।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मरीजों के लिए दवाओं को और अधिक किफायती बनाने के उद्देश्य से, राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) ने प्रमुख दवा कंपनियों द्वारा बेची जाने वाली 35 आवश्यक दवाओं की खुदरा कीमतों में कटौती की है।
इन कम कीमत वाली दवाओं में हृदय-संबंधी, एंटीबायोटिक, मधुमेह-रोधी और मानसिक रोगों से संबंधित कई दवाएं शामिल हैं।
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने एनपीपीए द्वारा मूल्य विनियमन के आधार पर इस आदेश को अधिसूचित किया है।
इस नए मूल्य निर्धारण के तहत, उपभोक्ताओं, विशेष रूप से पुरानी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद है।
प्राइस कंट्रोल ऑर्डर के अंतर्गत आने वाली दवाओं में एसिक्लोफेनाक, पैरासिटामोल, ट्रिप्सिन काइमोट्रिप्सिन, एमोक्सिसिलिन, और पोटेशियम क्लैवुलनेट के फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन शामिल हैं।
उदाहरण के लिए, अकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित और डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज द्वारा विपणन की जाने वाली एसिक्लोफेनाक-पैरासिटामोल-ट्रिप्सिन काइमोट्रिप्सिन टैबलेट की कीमत अब 13 रुपए हो गई है, जबकि कैडिला फार्मास्युटिकल्स द्वारा विपणन की जाने वाली इसी दवा की कीमत 15.01 रुपए है।
इसके अलावा, हृदय संबंधी बीमारियों के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली एटोरवास्टेटिन 40 मिलीग्राम और क्लोपिडोग्रेल 75 मिलीग्राम युक्त एक टैबलेट की कीमत 25.61 रुपए तय की गई है।
बाल चिकित्सा के लिए ओरल सस्पेंशन सेफिक्साइम और पैरासिटामोल कॉम्बिनेशन को भी शामिल किया गया है, साथ ही विटामिन डी पूरकता के लिए कोलेकैल्सिफेरॉल ड्रॉप्स और डिक्लोफेनाक इंजेक्शन जैसी महत्वपूर्ण दवाओं को भी शामिल किया गया है, जिनकी कीमत 31.77 रुपए प्रति एमएल है।
आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि खुदरा विक्रेताओं और डीलरों को अपने परिसर में इन अपडेटेड प्राइस लिस्ट को प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा।
नोटिफाइड कीमतों का पालन न करने पर डीपीसीओ, 2013 और आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत दंडात्मक प्रावधान लागू हो सकते हैं, जिसमें ब्याज सहित अधिक वसूली गई राशि को वसूलना शामिल होगा।
एनपीपीए ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित मूल्यों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शामिल नहीं है, जिसे लागू होने पर जोड़ा जा सकता है।
निर्माताओं को सभी वैधानिक आवश्यकताओं का पालन करना होगा, इंटीग्रेटेड फार्मास्युटिकल डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से फॉर्म V में अपडेटेड प्राइस लिस्ट जारी करनी होगी और एनपीपीए तथा राज्य औषधि नियंत्रकों को जानकारी देनी होगी।
स्पेसिफाइड फॉर्मूलेशन और निर्माताओं के लिए जारी किए गए किसी भी पूर्व मूल्य आदेश को इस लेटेस्ट नोटिफिकेशन द्वारा निरस्त कर दिया गया है।