क्या केंद्र सरकार ने किसानों को वित्त वर्ष 2024-25 में 3.47 लाख करोड़ रुपए का भुगतान किया?
सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार ने किसानों को 3.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया।
- 1,223 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न की खरीद की गई।
- 22 अनिवार्य कृषि फसलों के लिए MSP निर्धारित।
- कृषि बीमा योजनाओं से किसानों को लाभ।
- किसान अपनी उपज सरकारी या खुले बाजार में बेच सकते हैं।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 1,223 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न की खरीदारी की है, जिसके लिए किसानों को 3.47 लाख करोड़ रुपए का सीधा भुगतान किया गया है। यह जानकारी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को प्रदान की।
लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर वर्ष सरकार राज्य सरकारों और संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों की सलाह पर विचार करने के बाद कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर 22 अनिवार्य कृषि फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित करती है।
उन्होंने बताया कि 2018-19 के केंद्रीय बजट में एमएसपी को उत्पादन लागत के कम से कम डेढ़ गुना स्तर पर बनाए रखने की एक पूर्व-निर्धारित सिद्धांत की घोषणा की गई थी। इसके अनुसार सरकार ने वर्ष 2018-19 से सभी अनिवार्य खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी में अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ के साथ वृद्धि की है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार पहले से निर्धारित खरीद एजेंसियों के माध्यम से कृषि फसलों की खरीद की पेशकश करती है और किसानों के पास अपनी उपज सरकारी एजेंसियों को या खुले बाजार में, जो भी उनके लिए सुविधाजनक हो, बेचने का विकल्प होता है। आंकड़े बताते हैं कि बढ़ी हुई एमएसपी से देश के किसानों को लाभ हुआ है।
सरकार ने किसानों के लाभ के लिए कई अन्य पहल भी की हैं, जिनमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना शामिल है, जिसके तहत 2024-25 के दौरान किसानों को 12,256 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं, प्रतिकूल मौसम की मार आदि से फसल हानि झेल रहे किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और किसानों की आय स्थिर करने के लिए खरीफ 2016 से ये दोनों बीमा योजनाएं शुरू की गई थीं। इस योजना के अंतर्गत बुवाई से पहले से लेकर कटाई के बाद तक के नुकसान के लिए व्यापक जोखिम बीमा प्रदान किया जाता है। यह योजना राज्यों और किसानों के लिए स्वैच्छिक भी है।