क्या केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने 'ई-श्रम पोर्टल' को सामाजिक सुरक्षा का मजबूत स्तंभ बताया?

सारांश
Key Takeaways
- ई-श्रम पोर्टल असंगठित श्रमिकों के लिए एक क्रांतिकारी पहल है।
- इस पोर्टल पर 30 करोड़ से अधिक श्रमिक पंजीकृत हैं।
- यह सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाता है।
- बहुभाषी कार्यक्षमता से श्रमिकों की पहुंच बढ़ी है।
- सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए पंजीकरण आवश्यक है।
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 'ई-श्रम पोर्टल' को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक क्रांतिकारी डिजिटल पहल के रूप में वर्णित किया। उन्होंने बताया कि यह पोर्टल सार्वजनिक भलाई के तहत विकसित किया गया है, जो सभी श्रमिकों को उनके हकों और सुरक्षा का पूर्ण अधिकार देता है।
मांडविया ने कहा, "आज देश में सामाजिक सुरक्षा का दायरा तेजी से बढ़ रहा है। फूड सिक्योरिटी योजना के अंतर्गत करोड़ों लोगों को सस्ता राशन मिल रहा है, ईएसआईसी के माध्यम से लाखों श्रमिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं, और कई नागरिक बैंकों से एक्सीडेंट बीमा का लाभ ले रहे हैं। इन योजनाओं ने देश में सामाजिक सुरक्षा को मजबूत किया है।"
मांडविया ने 'ई-श्रम पोर्टल' को भारत की डिजिटल क्रांति का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह पोर्टल असंगठित श्रमिकों को कई कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने का एक एकीकृत प्लेटफॉर्म है। अब तक इस पोर्टल पर 30 करोड़ से अधिक श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं, और प्रतिदिन औसतन 60,000 से 90,000 नए पंजीकरण हो रहे हैं।
यह पोर्टल अब 'ई-श्रम वन स्टॉप सॉल्यूशन' के रूप में विकसित हो चुका है, जिसमें 10 केंद्रीय योजनाएं शामिल हैं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), एक राष्ट्र एक राशन कार्ड, और पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना। मंत्री ने असंगठित श्रमिकों से अपील की कि वे तुरंत पोर्टल पर पंजीकरण कराएं ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ निर्बाध रूप से प्राप्त कर सकें।
हाल ही में, मांडविया ने ई-श्रम पोर्टल पर बहुभाषी कार्यक्षमता की शुरुआत की, जिससे यह अब भारत की सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में उपलब्ध हो गया है। पहले यह केवल अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़ और मराठी में सीमित था। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की 'भाषिणी' परियोजना के सहयोग से यह विस्तार संभव हुआ। मांडविया ने कहा कि यह कदम असंगठित श्रमिकों की पहुंच को और विस्तारित करेगा, विशेषकर ग्रामीण और क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले श्रमिकों के लिए।