क्या केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमाला गोल्ड प्लेटिंग विवाद की एसआईटी जांच का आदेश दिया?

Click to start listening
क्या केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमाला गोल्ड प्लेटिंग विवाद की एसआईटी जांच का आदेश दिया?

सारांश

केरल उच्च न्यायालय ने सबरीमाला गोल्ड-प्लेटिंग विवाद की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। क्या यह विवाद और बढ़ेगा? जानें इस मामले में सभी महत्वपूर्ण तथ्य और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ।

Key Takeaways

  • केरल उच्च न्यायालय ने एसआईटी का गठन किया है।
  • जांच रिपोर्ट एक महीने में प्रस्तुत होगी।
  • विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग की है।
  • विधानसभा में हंगामा हुआ है।
  • सरकार ने जांच का समर्थन किया है।

कोच्चि/तिरुवनंतपुरम, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को सबरीमाला गोल्ड-प्लेटिंग विवाद की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया। आदेश के अनुसार, जांच रिपोर्ट एक महीने के भीतर प्रस्तुत की जाएगी और इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

एसआईटी का नेतृत्व एडीजीपी एच. वेंकटेश करेंगे और इसमें पाँच सदस्य होंगे। यह बढ़ते मंदिर विवाद में न्यायपालिका के प्रत्यक्ष हस्तक्षेप का संकेत है।

उच्च न्यायालय का यह निर्देश देवासम विजिलेंस की रिपोर्ट के अध्ययन के बाद आया है, जिसमें सोने की मात्रा में चिंताजनक विसंगतियों का संकेत दिया गया था।

इस विवाद के कारण, सोमवार को केरल विधानसभा का सत्र काफी हंगामेदार रहा। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह में सोने की परतों में आई कथित गड़बड़ी का विरोध किया।

विपक्षी सदस्य बैनर लेकर और नारे लगाते हुए आसन के सामने आए, जिससे अध्यक्ष ए.एन. शमशीर को प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। बैनर पर लिखा था, "मंदिर के अधिकारियों ने अय्यप्पन का सोना निगल लिया," जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।

विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने आरोप लगाया कि मंदिर के स्वर्ण आवरण में इस्तेमाल किए गए सोने का एक हिस्सा गायब हो गया है और उन्होंने देवस्वम मंत्री वी.एन. वसावन के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने सरकार पर इस मामले पर पूरी बहस से इनकार करने का आरोप लगाया। जैसे ही अध्यक्ष ने प्रश्नकाल जारी रखने की कोशिश की, विपक्षी विधायकों ने आसन को घेर लिया और "स्वामी शरणम अयप्पा" के नारे लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की।

वित्त मंत्री के.एन. बालगोपाल ने विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए इसे अलोकतांत्रिक और अपमानजनक बताया, जबकि अध्यक्ष शमसीर ने व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।

विधानसभा के बाहर, सतीशन ने दोहराया कि उनकी मांग है कि सोने के घोटाले की सीबीआई जांच हो और मंत्री वसावन के साथ ही त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष दोनों इस्तीफा दें। विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए, मंत्री वी.एन. वसावन ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और आश्वासन दिया कि सरकार जांच का पूरा समर्थन करती है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में न तो सरकार और न ही देवस्वम की कोई भूमिका है, और कहा कि उनकी जिम्मेदारी तीर्थयात्रा के मौसम में सहायता प्रदान करने तक ही सीमित है। वासवन ने बताया, "सरकार देवस्वम बोर्ड से एक रुपया भी नहीं लेती; वह केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है।"

उन्होंने आगे कहा कि सतर्कता विभाग पहले से ही इस मामले की जांच कर रहा है।

Point of View

बल्कि यह समस्त समाज के लिए एक चेतावनी है।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

सबरीमाला गोल्ड-प्लेटिंग विवाद क्या है?
यह विवाद सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह में सोने की परतों में गड़बड़ी को लेकर है।
एसआईटी का गठन क्यों किया गया है?
केरल उच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसआईटी का गठन किया है।
विपक्ष ने क्या कहा है?
विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सोने का एक हिस्सा गायब हो गया है और सीबीआई जांच की मांग की है।
सरकार का इस मामले में क्या रुख है?
सरकार ने जांच का पूरा समर्थन करने का आश्वासन दिया है।
क्या इस मामले में राजनीतिक विवाद भी है?
हाँ, यह विवाद राजनीतिक हलचल को भी जन्म दे रहा है, जिससे विधानसभा में हंगामा हुआ।