क्या खेलों को राजनीति से अलग रखना चाहिए? सुधांशु त्रिवेदी का कांग्रेस पर तीखा हमला

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क्या खेलों को राजनीति से अलग रखना चाहिए? सुधांशु त्रिवेदी का कांग्रेस पर तीखा हमला

सारांश

भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है, जिसमें उन्होंने खेलों और राजनीति के बीच की दूरी पर जोर दिया है। एशिया कप में भारत की शानदार जीत का जिक्र करते हुए उन्होंने कांग्रेस नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाया। क्या खेलों को राजनीति से अलग रखना वास्तव में संभव है?

Key Takeaways

  • खेलों को राजनीति से अलग रखना चाहिए।
  • भारतीय क्रिकेट टीम की एशिया कप में जीत महत्वपूर्ण है।
  • कांग्रेस की चुप्पी सवाल उठाती है।
  • राजनीति का खेलों पर प्रभाव चिंता का विषय है।
  • एकता और गर्व का प्रतीक होना चाहिए खेल।

नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को दुबई में एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान पर भारतीय क्रिकेट टीम की शानदार जीत की प्रशंसा की और कहा कि यह एशिया कप में भारत की 9वीं विजय है। इस टूर्नामेंट में भारत ने लगातार तीन बार पाकिस्तान को हराकर जीत की हैट्रिक बनाई। भारतीय टीम ने इस एशिया कप में सभी मैच जीतकर क्लीन स्वीप किया। इसके लिए निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट टीम, कप्तान सूर्यकुमार यादव और सभी साथी खिलाड़ी, कोच और सपोर्ट स्टाफ बधाई के पात्र हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत स्पष्टता से कहा कि चाहे ऑपरेशन सिंदूर हो या खेल का मैदान, निष्कर्ष एक ही है, भारत की शानदार जीत। परंतु दुख की बात यह है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी या प्रियंका गांधी का अभी तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कोई बधाई संदेश नहीं आया। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि खेलों को राजनीति से अलग रखिए। आपके मन में प्रधानमंत्री मोदी के प्रति जो भी खीज, ईर्ष्या, द्वेष या इनफिरियॉरिटी कॉम्प्लेक्स हो, उसके कारण भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर कोई छाया मत डालिए।

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इससे भी चिंताजनक बात यह है कि कांग्रेस की यूपीए सरकार में गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम का भी एक बयान आया है। पी चिदंबरम ने कहा कि 26/11 के हमले के बाद जब वह गृहमंत्री बने तो उनका विचार था कि पाकिस्तान पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन तत्कालीन पार्टी नेतृत्व ने उसकी अनुमति नहीं दी। इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान के साथ डील करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व का मन क्या था। 26/11 हमले के मात्र 9 महीने बाद, मिस्र के शर्म-अल-शेख में जॉइंट डिक्लेरेशन में जिस प्रकार भारत को शर्मसार किया गया, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण था। दुखद और आश्चर्यजनक बात यह है कि इस डिक्लेरेशन में बलूचिस्तान का भी उल्लेख किया गया।

उन्होंने आगे कहा कि यह स्पष्ट होता है कि चाहे जंग का मैदान हो या खेल का मैदान, कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लोग हमेशा पाकिस्तान का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तैयार रहते हैं। यहां तक कि यूनाइटेड अरब अमीरात जैसे मेजबान देश के साथ भारत के मधुर संबंधों के बावजूद, यदि भारत किसी कारणवश वहां नहीं जाता और खटास उत्पन्न होती तो इसके लिए भी वही लोग प्रयत्नशील रहते। भारतीय टीम की इस शानदार जीत पर कांग्रेस नेताओं के मुंह से एक शब्द तक नहीं निकला। इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी पाकिस्तान के पक्ष में हर प्रकार के प्रोपेगेंडा में शामिल होने को तैयार रहती है।

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय जितनी सुर्खियां कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लोगों ने पाकिस्तानी मीडिया में बटोरी थीं, वह भारत और भारतीय सेना का मनोबल कम करने वाला था। जो लोग भारतीय सेना का मनोबल कम करने में एकजुट हैं, वही आज भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए एक शब्द तक नहीं बोल रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ गठबंधन का नाम इंडिया रख लेने से दिल में इंडिया नहीं आ जाता। यह घटना स्पष्ट करती है कि जिस गठबंधन का नाम इंडिया है, उसके दिल में अगर दर्द और मोहब्बत है तो वह इंडिया के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि खेलों को राजनीति से अलग रखने की आवश्यकता है। हालांकि, जब राजनीतिक बयानबाजी खेलों के परिणामों को प्रभावित करती है, तब यह चिंता का विषय बन जाता है। हमें खेल को एकजुटता और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक मानना चाहिए, न कि राजनीति का उपकरण।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या खेलों को राजनीति से अलग रखा जा सकता है?
खेलों को राजनीति से अलग रखने की आवश्यकता है, लेकिन यह हमेशा संभव नहीं है। जब राजनीतिक बयानबाजी खेलों पर प्रभाव डालती है, तो चिंता बढ़ जाती है।
सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहा?
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम की जीत पर कोई बधाई नहीं दी। उन्होंने खेलों को राजनीति से अलग रखने की अपील की।
कांग्रेस का क्या रुख है खेलों के प्रति?
कांग्रेस के नेताओं ने भारतीय क्रिकेट टीम की जीत पर चुप्पी साधी है, जो कि खेलों में राजनीतिक हस्तक्षेप का संकेत है।