क्या किरेन रिजिजू जेद्दा पहुंचे, हज 2026 के लिए सऊदी अरब से द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- किरेन रिजिजू की जेद्दा यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय हज समझौते पर हस्ताक्षर करना है।
- इस यात्रा से भारत और सऊदी अरब के बीच संबंध मजबूत होंगे।
- हज 2026 की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।
- समझौते में यात्रियों की सुविधाओं पर चर्चा होगी।
- यह यात्रा भारतीय मुस्लिमों के लिए हज यात्रा को सुगम बनाएगी।
नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सऊदी अरब के जेद्दा शहर में कदम रखा। इस यात्रा का प्रमुख उद्देश्य सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय हज समझौते पर हस्ताक्षर करना और हज 2026 की तैयारियों का मूल्यांकन करना है।
रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी यात्रा की जानकारी साझा की। उन्होंने पोस्ट में लिखा, "मैं सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय हज समझौते पर हस्ताक्षर करने और हज 2026 की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए जेद्दा पहुंचा हूँ।" सऊदी अरब में भारत के राजदूत डॉ. सुहेल एजाज खान और जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूत फहद सूरी ने एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
यह यात्रा भारत और सऊदी अरब के बीच धार्मिक एवं कूटनीतिक संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हर साल लाखों भारतीय मुस्लिम हज यात्रा के लिए सऊदी अरब आते हैं, और यह द्विपक्षीय समझौता इस प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद करता है।
इस समझौते के अंतर्गत हज कोटे, यात्रियों की सुविधाएं, आवास, परिवहन और स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा की जाती है। हज 2025 के सफल आयोजन के बाद, अब 2026 की तैयारियां जोरों पर हैं, जिसमें कोविड के बाद की चुनौतियाँ और डिजिटल सुविधाओं को शामिल किया जाएगा।
जेद्दा एयरपोर्ट पर रिजिजू का स्वागत करते हुए भारतीय राजदूत डॉ. सुहेल एजाज खान और महावाणिज्य दूत फहद सूरी ने पारंपरिक अरबी आतिथ्य का प्रदर्शन किया। रिजिजू 'एक्स' पर साझा की गई तस्वीरों में मुस्कुराते हुए दिखाई दिए।
यात्रा के दौरान, रिजिजू सऊदी अरब के हज एवं उमराह मंत्री तौफीक अल-रबिया से मुलाकात करेंगे। चर्चा में हज यात्रियों की संख्या बढ़ाने, ई-वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाने और मक्का-मदीना में भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए विशेष सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।