क्या किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी की धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की सराहना की?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी की नई योजनाएँ किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही हैं।
- सौर पंपों के माध्यम से सिंचाई में सुधार हुआ है।
- किसान आत्मनिर्भरता के लिए नई तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।
- सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी से किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।
- यह योजनाएँ कृषि उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखती हैं।
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 'प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (पीएम-डीडीकेवाई)' और 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' का उद्घाटन किया। देश भर के कृषि संगठनों, किसानों और राज्य सरकारों ने इन पहलों की सहराना की और इन्हें किसान कल्याण एवं कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
किसान महेश कुमार ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के महोबा के निवासी हैं। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि वह एफपीओ से जुड़े हैं और उनके साथ लगभग 1500 किसान जुड़े हुए हैं। महेश कुमार ने कहा कि पहले की योजनाओं में जो दलहन उत्पादन में कमी आ रही थी, हमें उम्मीद है कि इस योजना से उत्पादन बढ़ेगा। सरकार की योजनाओं ने बुंदेलखंड क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाए हैं, विशेषकर सूर्य पंप योजना। इसके माध्यम से सौर पंपों ने सिंचाई में काफी सुधार किया है। पहले बिजली की कमी के कारण खेतों की सिंचाई में कठिनाई होती थी, लेकिन अब हम सौर पंपों से दिन में सिंचाई कर सकते हैं और रात में भी बिजली उपलब्ध है, यह एक बड़ा बदलाव है।
किसान रुद्र प्रताप ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण बेहतर है। वह किसानों के लिए बहुत अच्छे कार्य कर रहे हैं। केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा। पीएम मोदी के प्रति किसानों का विश्वास है, वह जो भी कहते हैं, वह निश्चित रूप से होता है। निश्चित रूप से किसानों की आय बढ़ेगी और उनकी उत्पादकता में सुधार होगा।
राजस्थान के किसान ने कहा कि मैं पहले से ही प्रधानमंत्री की योजनाओं से बहुत लाभान्वित हो चुका हूं। इससे पहले मुझे राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और राजस्थान गोकुल मिशन (आरजीएम) से भी पूरा लाभ मिला है। गोकुल मिशन के तहत 200 गायों या भैंसों से जुड़ी परियोजनाओं के लिए 2 करोड़ रुपए की सब्सिडी है, जिसकी कुल परियोजना लागत 4 करोड़ रुपए है।
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ की डॉ. निधि ने कहा, "हमें अपने प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा है क्योंकि उन्होंने जो दृष्टिकोण और मार्ग बताया है, उससे किसानों को बहुत लाभ होगा। हमारे विभाग की ओर से हम पूरा सहयोग प्रदान करेंगे। हालाँकि मैं विभाग में कम समय से हूं, लेकिन मुझे केवल आठ महीनों में ही बदलाव दिखने लगे हैं। मुझे उम्मीद है कि मैं कड़ी मेहनत जारी रखूंगी और उनके मार्गदर्शन में भविष्य में और सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।"
टीकमगढ़ के अनिल अहरिया ने कहा, "यह एक महत्वपूर्ण योजना है, धन-धान्य कृषि योजना, जिसके माध्यम से हमारे प्रधानमंत्री देश में कृषि उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखते हैं।
हरियाणा के किसान बलबीर सिंह ने कहा कि पीएम मोदी देश के विकास और किसानों के हित में कई कार्य कर रहे हैं। लेकिन इन योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए नीचे के अधिकारियों को पारदर्शी तरीके से काम करने की जरूरत है। ये योजनाएँ निश्चित रूप से अपना असर दिखाएँगी।