क्या हम कई कीमती जिंदगियां खो चुके हैं? किश्तवाड़ त्रासदी पर बोले सीएम उमर अब्दुल्ला

सारांश
Key Takeaways
- किश्तवाड़ में बादल फटने से कई जिंदगियां गईं।
- सरकार राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
- लापता लोगों की तलाश जारी है।
- पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता दी जाएगी।
- घटनास्थल पर सुरक्षा बल सक्रिय हैं।
किश्तवाड़, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरुवार को बादल फटने की घटना ने भयंकर त्रासदी का रूप ले लिया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को उन इलाकों का दौरा किया जो इस त्रासदी से प्रभावित हुए हैं और उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।
उन्होंने इस आपदा में हुई जनहानि और संपत्ति के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार इस कठिन समय में पूरी मजबूती से लोगों के साथ है।
मीडिया से बातचीत में सीएम ने स्थिति को बेहद गंभीर बताते हुए कहा, “हम कई कीमती जिंदगियां खो चुके हैं।” लगभग 55 लोगों की जान चली गई है और 100 से अधिक लोग घायल हैं। इनमें से कुछ गंभीर घायल लोगों को जम्मू अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। लगभग 70 से 80 लोग अब भी लापता हैं और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। यह संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है।
उन्हें आगे बताया कि जब वह प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर लौट रहे थे, तब रास्ते में एक शव भी बरामद हुआ, जो बादल फटने के कारण बह गया था। सीएम ने कहा कि प्रशासन की पूरी कोशिश है कि लापता लोगों की खोज तेजी से की जाए और फिर उनके पुनर्वास का कार्य आरंभ किया जाए। सरकार ने राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर प्रारंभ कर दिया है।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जान का कोई मोल नहीं हो सकता, लेकिन प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। कई घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं और उनके लिए राहत पहुंचाने का कार्य जारी है। अभी नुकसान का पूरा आकलन कर पाना संभव नहीं है, लेकिन हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना है।
ज्ञात हो कि किश्तवाड़ के चिशोती क्षेत्र में गुरुवार को बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आई। यह घटना उस स्थान पर हुई, जहाँ श्री मचैल यात्रा के लिए चार पहिया वाहन खड़े होते हैं और कई अस्थायी दुकानें लगी हुई हैं। एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य में सक्रिय हैं।