क्या कोलकाता गैंगरेप केस में टीएमसी ने मदन मित्रा को कारण बताओ नोटिस थमाया?

सारांश
Key Takeaways
- टीएमसी नेता मदन मित्रा का विवादित बयान।
- पार्टी का सख्त रुख महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर।
- कारण बताओ नोटिस का महत्व।
- समाज में सुरक्षा मुद्दों की जागरूकता।
- गैंगरेप मामले की त्वरित कार्रवाई।
कोलकाता, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता के लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले पर विवादित बयान को लेकर टीएमसी नेता मदन मित्रा की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। टीएमसी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है और कहा कि उनका यह बयान पार्टी के कठोर रुख के खिलाफ है।
पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने कहा, "कोलकाता में एक लॉ स्टूडेंट के साथ हुई यह जघन्य और अत्यंत दुखद घटना है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस अत्यंत संवेदनशील घटना पर दुख व्यक्त किया है और इसकी कड़ी निंदा की है। प्रशासन आवश्यक कार्रवाई कर रहा है और दोषियों को त्वरित पहचान कर गिरफ्तार किया जाएगा।"
सुब्रत बख्शी ने मदन मित्रा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा, "आपके द्वारा 28 जून 2025 को किया गया अनुचित, अनावश्यक और असंवेदनशील बयान पार्टी की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाने वाला है। साथ ही, यह पार्टी के कठोर रुख के खिलाफ है। आपको अगले तीन दिनों में कारण बताने का निर्देश दिया जाता है।"
गौरतलब है कि टीएमसी नेता मदन मित्रा ने कोलकाता के कॉलेज परिसर में एक लॉ स्टूडेंट के साथ कथित बलात्कार पर विवादास्पद टिप्पणी की थी।
मित्रा ने अपने बयान में कहा कि बलात्कार की घटना ने सभी लड़कियों को यह संदेश दिया है कि उन्हें कॉलेज के बंद होने के बाद कॉलेज नहीं जाना चाहिए।
हालांकि, पार्टी ने मदन मित्रा के इस बयान की निंदा करते हुए कहा, "ये विचार किसी भी तरह से पार्टी की स्थिति को दर्शाते नहीं हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति हमारी शून्य सहिष्णुता है और हम इस जघन्य अपराध में शामिल सभी लोगों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग करते हैं।"