क्या कोलकाता में पाकिस्तानी नागरिक का साथी गिरफ्तार हुआ, जो फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाने में मदद कर रहा था?

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क्या कोलकाता में पाकिस्तानी नागरिक का साथी गिरफ्तार हुआ, जो फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाने में मदद कर रहा था?

सारांश

कोलकाता में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जहां प्रवर्तन निदेशालय ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेज़ के माध्यम से भारतीय पहचान पत्र उपलब्ध कराता था। क्या इस रैकेट में और लोग शामिल हैं?

Key Takeaways

  • ईडी ने इंदुभूषण हालदार को गिरफ्तार किया।
  • फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनाने के आरोप में कार्रवाई की गई।
  • पाकिस्तानी नागरिक आजाद हुसैन भी शामिल है।
  • लगभग 250 मामलों में बांग्लादेशी नागरिकों को पासपोर्ट जारी किए गए।
  • यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

कोलकाता, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय ने बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेज के माध्यम से भारतीय पहचान पत्र उपलब्ध कराने के आरोप में इंदुभूषण हालदार उर्फ दुल्लाल को गिरफ्तार किया।

यह कार्रवाई 13 अक्टूबर को की गई। ईडी ने आरोपी को कोलकाता के विशेष पीएमएलए अदालत, विचार भवन में पेश किया, जहां अदालत ने उसे 5 दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया ताकि मामले में और खुलासे हो सकें।

ईडी ने यह कार्रवाई पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। जांच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। पाकिस्तानी नागरिक आजाद हुसैन उर्फ आजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन आजाद फर्जी पहचान पत्र बनाकर भारत में अवैध रूप से रह रहा था। वह अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पहचान पत्र दिलाने के गिरोह का हिस्सा था।

ईडी की जांच में सामने आया कि आजाद हुसैन न केवल फर्जी पहचान से रह रहा था, बल्कि उसने बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट दिलवाने के लिए इंदुभूषण हालदार से संपर्क कराया। नदिया जिले के चाकदह का निवासी इंदुभूषण हालदार इस पूरे रैकेट का मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है। उसने पासपोर्ट आवेदन के लिए जाली दस्तावेज तैयार करने का काम किया और इसी के जरिए उसने भारी मात्रा में अवैध कमाई अर्जित की।

अब तक की जांच में पता चला है कि इंदुभूषण हालदार ने करीब 250 मामलों में अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय पासपोर्ट जारी कराने में मदद की। इस दौरान वह आजाद मलिक के साथ लगातार संपर्क में था।

इससे पहले, इंदुभूषण हालदार ने कोलकाता विचार भवन की विशेष पीएमएलए अदालत और कलकत्ता उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे दोनों अदालतों ने खारिज कर दिया था।

ईडी ने इस मामले में पहले ही 13 जून 2025 को पाकिस्तानी नागरिक आजाद हुसैन उर्फ आजाद मलिक उर्फ अहमद हुसैन आजाद के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 की धारा 44 और 45 के तहत प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दाखिल की थी। इस शिकायत पर 19 जून को सिटी सेशन कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने संज्ञान लिया था।

ईडी अधिकारियों के अनुसार, यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा पार अपराधों से जुड़े गंभीर नेटवर्क को उजागर करता है। एजेंसी की जांच अब इस बात पर केंद्रित है कि इस अवैध नेटवर्क के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं।

Point of View

बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है। हमें इस प्रकार के अवैध नेटवर्क को उजागर करने और समाप्त करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
18/10/2025

Frequently Asked Questions

इस मामले में आरोपी कौन हैं?
मुख्य आरोपी इंदुभूषण हालदार और पाकिस्तानी नागरिक आजाद हुसैन हैं।
ईडी ने किस आधार पर कार्रवाई की?
ईडी ने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर कार्रवाई की।
क्या इंदुभूषण हालदार को जमानत मिली थी?
नहीं, इंदुभूषण हालदार की अग्रिम जमानत याचिका को दोनों अदालतों ने खारिज कर दिया।
इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस गिरोह का मुख्य उद्देश्य बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी भारतीय पहचान पत्र और पासपोर्ट प्रदान करना था।
क्या इस मामले में और लोग शामिल हैं?
ईडी की जांच अब इस बात पर केंद्रित है कि इस अवैध नेटवर्क के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं।