क्या एआईएमआईएम के शामिल होने से महागठबंधन मजबूत होगी? : मनोज कुमार

सारांश
Key Takeaways
- एआईएमआईएम का महागठबंधन में शामिल होना सियासी समीकरणों को बदल सकता है।
- कांग्रेस ने बिहार के मतदाताओं की आवाज बनने का संकल्प लिया है।
- भाजपा के भीतर आपसी मतभेद स्पष्ट हो रहे हैं।
- मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया समय पर पूरी होगी।
- महागठबंधन की ताकत एनडीए को चुनौती दे सकती है।
नई दिल्ली, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले की सियासत ने एक नई दिशा ले ली है। असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम ने आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद को पत्र लिखकर महागठबंधन में शामिल होने का आग्रह किया है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के सांसद मनोज कुमार ने कहा कि एआईएमआईएम के आने से महागठबंधन को मजबूती मिलेगी।
मनोज कुमार ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि एनडीए गठबंधन को इंडिया महागठबंधन हराने में सफल होगा। एआईएमआईएम के शामिल होने से महागठबंधन को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस पर निर्णय तेजस्वी यादव लेंगे, और जितने लोग महागठबंधन में शामिल होंगे, हम उतने ही मजबूत होंगे। इंडिया गठबंधन 243 सीटों पर काम कर रहा है। हम सब मिलकर एनडीए को आगामी चुनाव में हराएंगे।
इसके अलावा, सीईसी ज्ञानेश कुमार ने यह बयान दिया कि बिहार में मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है और यह निर्धारित समय पर पूर्ण होगी। इस पर मनोज कुमार ने सवाल उठाया कि क्या यह सत्यापन का सही समय है। सरकार ने एक सर्वे कराया, जिससे पता चला कि बिहार में उनकी सरकार बनने की संभावना नहीं है। ऐसे में एनडीए सरकार ने चुनाव आयोग का सहारा लिया है। संविधान हर भारतीय को वोट देने का अधिकार देता है। कांग्रेस बिहार के मतदाताओं की आवाज बनेगी।
वहीं, भाजपा नेत्री कंगना रनौत के संसदीय क्षेत्र मंडी में प्राकृतिक आपदा के कारण हुए नुकसान को लेकर भाजपा के दो नेता आपस में भिड़ गए। कंगना रनौत ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता जयराम ठाकुर को टैग करते हुए ट्वीट किया कि उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, मंडी की देखभाल वह स्वयं कर सकती हैं।
इस पर कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने कहा कि एक ही पार्टी के नेता आपस में सवाल उठा रहे हैं। यदि कांग्रेस सवाल उठाती, तो विपक्ष में होने के नाते हम गलत ठहराए जाते। असल में, भाजपा के लोग जनता के लिए कोई ठोस कार्य नहीं कर रहे हैं, केवल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।