क्या भारत स्वच्छ, मजबूत और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य का निर्माण कर रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत ने 99 प्रतिशत अपतटीय क्षेत्र को तेल और गैस खोज के लिए खोला।
- कच्चे तेल के आयात बास्केट को 40 से अधिक देशों तक बढ़ाया गया।
- सरकार का चार-आयामी दृष्टिकोण सुरक्षित, सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा के लिए है।
- पीएम उज्जवला योजना के तहत 10.60 करोड़ परिवारों को लाभ मिला है।
- भारत का ऊर्जा भविष्य आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि सरकार ने देश के 99 प्रतिशत अपतटीय क्षेत्र को तेल एवं गैस की खोज के लिए खोल दिया है और कच्चे तेल के आयात बास्केट को पहले के 27 देशों से बढ़ाकर 40 से अधिक देशों तक कर दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार के उस चार-आयामी दृष्टिकोण का हिस्सा है जो एक ऐसे भविष्य को आकार दे रहा है जहां ऊर्जा सुरक्षित, सस्ती और टिकाऊ हो।
केंद्रीय मंत्री के अनुसार, भारत की ऊर्जा यात्रा "चार मजबूत स्तंभों" पर टिकी है, जिनमें कच्चे तेल के आयात में विविधता, नवाचार, तेल और गैस की घरेलू खोज में वृद्धि, क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन और पीएम उज्जवला योजना शामिल है, जिसके तहत 10.60 करोड़ गरीब परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन के रूप में सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का लाभ मिला है।
केंद्रीय मंत्री ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत एक स्वच्छ, मजबूत और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य का निर्माण कर रहा है।"
इससे पहले सरकार ने गुरुवार को कहा था कि अस्थिर वैश्विक ऊर्जा बाजार के बीच तेल और गैस के लिए उसकी आयात नीति पूरी तरह से भारतीय उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के कुछ घंटों बाद जारी किया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूसी कच्चे तेल की खरीद कम करेगा।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, "भारत तेल और गैस का एक महत्वपूर्ण आयातक है। उतार-चढ़ाव भरे एनर्जी मार्केट में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी निरंतर प्राथमिकता रही है। हमारी आयात नीतियां पूरी तरह इसी उद्देश्य से निर्देशित होती हैं। स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं। इसमें हमारी ऊर्जा स्रोतों का व्यापक आधार बनाना और बाजार की स्थितियों के अनुरूप विविधीकरण करना शामिल है।"