क्या आंबेडकर कॉलेज की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है? संगठन की गतिविधियों में शामिल नहीं होंगी दीपिका झा, जांच समिति गठितः अभाविप

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क्या आंबेडकर कॉलेज की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है? संगठन की गतिविधियों में शामिल नहीं होंगी दीपिका झा, जांच समिति गठितः अभाविप

सारांश

दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर को थप्पड़ मारने की आरोपी दीपिका झा को संगठन की गतिविधियों से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए समिति का गठन किया है। जानें इस विवाद का विस्तृत विवरण और इसके पीछे के कारण।

Key Takeaways

  • आंबेडकर महाविद्यालय में हुई यह घटना शिक्षा जगत के लिए एक चेतावनी है।
  • अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जांच समिति का गठन कर निष्पक्षता का आश्वासन दिया है।
  • शिक्षकों के प्रति हिंसा को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
  • जांच पूरी होने तक दीपिका झा संगठन की गतिविधियों से अस्थायी रूप से निलंबित रहेंगी।
  • विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इस विवाद पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है।

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को थप्पड़ मारने के आरोप में फंसी और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की संयुक्त सचिव दीपिका झा अब विद्यार्थी परिषद की संगठनात्मक गतिविधियों में भाग नहीं लेंगी। रविवार को इस विषय में जानकारी देते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बताया कि इस घटना की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए एक आंतरिक जांच समिति का गठन किया गया है। यह समिति सभी तथ्यों की जांच करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

संगठनात्मक मर्यादा और निष्पक्षता बनाए रखने के उद्देश्य से जांच पूर्ण होने तक दीपिका झा संगठन की गतिविधियों में भाग नहीं लेंगी। अभाविप ने कहा कि वे सुनिश्चित करेंगे कि जांच पूरी तरह से निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित हो।

यह घटना 16 अक्टूबर को दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव आंबेडकर महाविद्यालय में हुई थी।

जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर, सुजीत कुमार, ने आरोप लगाया है कि डूसू की संयुक्त सचिव दीपिका झा ने उन्हें थप्पड़ मारा। प्रोफेसर सुजीत कुमार कॉलेज की अनुशासन समिति के संयोजक हैं। इस घटना के बाद शिक्षक समुदाय ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए विरोध दर्ज कराया था। अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने इस पर गहरी पीड़ा व्यक्त की और स्पष्ट किया है कि अभाविप सदैव शिक्षकों के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है।

अभाविप ने कहा कि उनकी परिकल्पना में शिक्षक, शिक्षाविद और विद्यार्थी एक शैक्षिक परिवार हैं, और इन तीनों के आपसी सम्मान और संवाद से ही एक स्वस्थ शैक्षणिक वातावरण का निर्माण होता है। किसी भी परिस्थिति में किसी शिक्षक के प्रति हिंसा स्वीकार्य नहीं है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यह भी उम्मीद जताई है कि इस घटना के संदर्भ में प्राध्यापक सुजीत कुमार की संदेहास्पद, छात्रविरोधी और शिक्षक पद की गरिमा के विपरीत गतिविधियों की निष्पक्ष जांच की जाए। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि यदि वे दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

Point of View

जो यह दर्शाता है कि वे इस प्रकार की घटनाओं को गंभीरता से लेते हैं।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

दीपिका झा किस पद पर थीं?
दीपिका झा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की संयुक्त सचिव थीं।
यह घटना कब हुई?
यह घटना 16 अक्टूबर को हुई थी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने क्या कदम उठाया?
अभाविप ने घटना की निष्पक्ष जांच के लिए एक आंतरिक जांच समिति का गठन किया है।
क्या दीपिका झा अब संगठन की गतिविधियों में भाग लेंगी?
नहीं, दीपिका झा जांच पूरी होने तक संगठन की गतिविधियों में शामिल नहीं होंगी।
इस घटना के बाद शिक्षक समुदाय की प्रतिक्रिया क्या थी?
शिक्षक समुदाय ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए विरोध दर्ज कराया था।