क्या अयोध्या दीपोत्सव में विदेशी मेहमानों का उत्साह, 'जय श्रीराम' के नारे गूंजे?

सारांश
Key Takeaways
- दीपोत्सव में विदेशी मेहमानों की भागीदारी ने कार्यक्रम को और खास बना दिया।
- जय श्रीराम के नारों ने सभी को एकजुट किया।
- अयोध्या का संस्कृतिक महत्व और धार्मिक अनुभव अद्भुत है।
- विदेशी मेहमानों ने भारतीय संस्कृति की प्रशंसा की।
- इस प्रकार के आयोजनों से संस्कृति का वैश्विक प्रसार होता है।
अयोध्या, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपों की चमक से नहाई अयोध्या की भव्यता ने न केवल देशवासियों को मोहित किया, बल्कि विदेशों से आए मेहमान भी इस अद्भुत दृश्य से अभिभूत हो गए। दीपोत्सव 2025 में बड़ी संख्या में विदेशी अतिथि अपने परिवारों और दोस्तों के संग पहुंचे।
राम की पैड़ी और सरयू घाट पर दीपों की झिलमिलाहट, पुष्पवर्षा और ‘जय श्रीराम’ के नारों के बीच विदेशी मेहमानों ने भी अपने हर्ष का इजहार किया। रूस, पोलैंड, यूक्रेन, श्रीलंका सहित विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु दीपोत्सव के इस अनुभव से अभिभूत हो गए।
अयोध्या में उमड़े श्रद्धालुओं के जनसैलाब को देखकर विदेशी मेहमानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने दीपों की रेखाओं के बीच अपने साथियों के संग फोटो खींचते और सेल्फी लेते देखा गया। राम की पैड़ी, धर्मपथ और सरयू घाट के दिव्य नजारे ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया। कई विदेशी पर्यटक दीपोत्सव की हर झलक अपने कैमरों में कैद करते रहे। दीपोत्सव की खुशी में उन्होंने भी ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष किया।
पोलैंड से आई सिवोना ने कहा कि वे अपने दोस्तों के साथ पहली बार अयोध्या आई हैं। यहां के लोग हमेशा मुस्कुराते रहते हैं। ये बहुत खुशमिजाज और मित्रवत हैं। अयोध्या भले ही दिल्ली जैसा बड़ा शहर नहीं है, लेकिन यहां आकर हमें शांति और प्रसन्नता मिली।
यूक्रेन से आई नतालिया ने कहा कि यहां के लोग बेहद मिलनसार हैं। अयोध्या को देखकर मुझे अद्भुत अनुभव हुआ। यह स्थान शांति और सकारात्मकता से भरा है। नतालिया ने कहा कि उन्होंने पहले कभी इतना बड़ा सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन नहीं देखा। दीपों का यह समुद्र उन्हें किसी स्वर्गिक दृश्य जैसा लगा।
पोलैंड से आई एक अन्य अतिथि ने कहा, "मैं यहां पहली बार आई हूं। अयोध्या आकर मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं यहां की भक्ति और लोगों के प्यार से बहुत प्रभावित हूं।" उन्होंने भी ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष किया। उनकी आवाज में भक्ति और उत्साह का ऐसा सम्मिश्रण था कि आस-पास मौजूद भारतीय श्रद्धालु भी भावविह्वल हो उठे।